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केंद्र की फर्जी कंपनियों और चार्टर्ड अकाउंटेंट के खिलाफ मुहिम

नोटबंदी के बाद फर्जी कंपनियों पर लगाम कसने के लिए मोदी सरकार ने मुहिम शुरू की थी

Ravishankar Singh

देश के 17.5 हजार चार्टर्ड अकाउंटेंट(सीए) और दो लाख रजिस्टर्ड कंपनियां आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के राडार पर आ गए हैं. आयकर विभाग ने देश में रजिस्टर्ड 2 लाख कंपनियों को रिटर्न फाइल नहीं करने पर नोटिस जारी किया है.

देश में 9 लाख कंपनियां सरकार को अपने सालाना कारोबार की कोई जानकारी नहीं देती है. देश में इस वक्त 15 लाख कंपनियां रजिस्टर्ड हैं, पर सिर्फ 6 लाख ही ऐसी कंपनियां है जो अपना टैक्स रिटर्न फाइल करती हैं.


इन 6 लाख में से 3 लाख कंपनियां ऐसी हैं जो अपनी सालाना आय शून्य दिखाती हैं. मोदी सरकार ने देश के साढ़े 17 हजार चार्टर्ड अकाउंटेंट पर भी नकेल कसने का काम शुरू कर दिया है.

इन चार्टर्ड अकाउंटेंट पर आरोप है कि बीते पांच सालों में कंपनियों के धोखाधड़ी करने में बड़े पैमाने पर सहयोग किया गया है.

एक अनुमान के मुताबिक देश के चार्टर्ड अकाउंटेंट ने पिछले पांच सालों में लगभग 30 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कालाधन सफेद किया है.

सरकार की कई एजेंसियां एक साथ चार्टर्ड अकाउंटेंट पर शिकंजा कसने जा रही है. आयकर विभाग ने पिछले महीने ही देश के पांच हजार चार्टर्ड अकाउंटेंट को नोटिस भेज कर जवाब मांगा है.

कंपनी मामलों के मंत्रालय ने देश के तमाम उन फर्जी कंपनियों पर लगाम लगाने जा रही है जो सिर्फ कालाधन को सफेद करने के लिए ही बनाए गए हैं.

पिछले सप्ताह आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने लगभग एक दर्जन सीए सहित 25 लोगों को गिरफ्तार किया था.

ये गिरफ्तारी दिल्ली, हरियाणा, मुंबई और चैन्नई से हुई थी. ईडी के सामने दो सीए ने कालेधन को सफेद करने की बात भी कबूली थी. एक ने सात करोड़ रुपए तो दूसरे ने 90 करोड़ रुपए कंपनियों के अघोषित आय को ठिकाने लगाने की बात स्वीकार की.

कंपनी मामलों के मंत्रालय के मुताबिक देश में 9 लाख कंपनियां रजिस्ट्रेशन के तुरंत बाद से ही टैक्स रिटर्न भरना बंद कर दिया था. पीएमओ द्वारा गठित एसआईटी इन कंपनियों पर कई महीने से निगरानी रख रही थी.

भारत के केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया के मुताबिक कंपनी मामलों के मंत्रालय को टैक्स रिटर्न न भरने वाली 9 लाख कंपनियां लगातार सरकार के राडार पर हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा गठित कार्यबल से मंत्रालय लगातार संपर्क बनाए हुए है.

नोटबंदी के बाद

नोटबंदी के बाद फर्जी कंपनियों पर लगाम कसने के लिए मोदी सरकार ने फरवरी महीने में देशव्यापी मुहिम शुरू की थी. कंपनी मामलों के मंत्रालय ने ऐसे कंपनियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का फैसला किया है जो काले को सफेद करने में लगे हुए हैं.

कंपनियों के बैंक खाते भी सील या जब्त किए जा रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी सख्त कार्रवाई करना शुरू कर दिया है. देशभर में दागी सभी फर्जी कंपनियों के चल और अचल संपत्तियां जब्त किए जा रहे हैं.

पिछले दो महीने में ईडी ने 11 हजार 289 करोड़ की फर्जी कंपनियों के कागजात जब्त किए गए हैं. ये वो कंपनियां है जो पिछले काफी समय से कोई कारोबार नहीं कर रही हैं.

मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के जिन दो लाख कंपनियों को नोटिस जारी किया वह कानून की धारा 248 के तहत जारी किए गए हैं. मुंबई में रजिस्टर्ड 71 हजार और दिल्ली में 53 हजार से अधिक कंपनियां को भी नोटिस जारी किया गया है.

इन दो लाख कंपनियों को हर हालत में जवाब देना होगा. कंपनियों के जवाब से मंत्रालय संतुष्ट नहीं हुआ तो रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड(सीबीडीटी) का कहना है कि आयकर विभाग के निशानदेही पर केंद्र की कई एजेंसियां छापेमारी कर रही है.

देश की वित्तीय खुफिया यूनिट, ईडी, आयकर विभाग, राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने कंपनियों पर नकेल कस दिया है.