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मध्य प्रदेश: कर्जमाफी के बावजूद 2 किसानों ने की सुसाइड, सरकार पर उठ रहे सवाल

किसानों के परिवार ने बताया कि बैंक की तरफ से लगातार कर्ज वापस करने के लिए दबाव डाला जा रहा था

FP Staff

मध्यप्रदेश में सीएम कमलनाथ की ओर से किसानों का कर्ज माफ किए जाने के ऐलान के बावजूद दो किसानों ने सुसाइड कर ली. एक किसान ने जहर खाने के बाद सोमवार को प्राइवेट हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया वहीं एक किसान ने शनिवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

एनडीटीवी के मुताबिक किसानों के परिवार ने बताया कि बैंक की तरफ से लगातार कर्ज वापस करने के लिए दबाव डाला जा रहा था और सरकारी ऐलान का कोई फायदा उन तक नहीं पहुंचा. वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक अनुमान है कि सरकार की कर्जमाफी के कदम से 33 लाख किसानों को फायदा मिलेगा.


रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि यह मेरा वादा नहीं है बल्कि कर्तव्य है. मैं देश के किसानों को किसान दिवस के मौके पर सलाम करता हूं. हम हैं क्योंकि आप हैं. ऐसे में 2 किसानों का मध्य प्रदेश में सुसाइड करना बहुत गंभीर मामला है.

खंडावा के पनढाना में जुआन सिंह नाम के किसान ने इसलिए सुसाइड कर ली क्योंकि उसे यह पता लग गया था कि वह किसानों की कर्ज माफी के दायरे में नहीं आता है. उसका शव शनिवार को पेड़ से लटकता मिला. उसके भाई गुलाब सिंह ने बताया कि उन्होंने बैंक से 3 लाख 22 हजार का लोन लिया था और 50 हजार का लोन कॉपरेटिव सोसाइटी से लिया था.

कर्ज माफी स्कीम के तहत केवल वही किसान कर्ज माफी के अन्तर्गत आते हैं जिन्होंने 31 मार्च 2018 से पहले 2 लाख रुपए तक का लोन लिया है. वहीं 65 साल के प्रेम नारायण रघुवंशी ने भी कर्ज के दबाव की वजह से जहर खाकर 20 दिसंबर को जान दे दी. वह काफी दिनों से डिप्रेशन में थे और उन पर भी कर्ज को लेकर बहुत दबाव था.

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