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करोल बाग: आग लगने वाले होटल का आपातकालीन दरवाजा बंद था, दिल्ली सरकार ने दिए जांच के आदेश

होटल का आपातकालीन दरवाजा बहुत ही छोटा था और सोमवार को उसे बंद कर दिया गया था. अगर लोग वहां गए भी होंगे तो बच नहीं पाते

FP Staff

दिल्ली के करोल बाग इलाके में स्थित अर्पित पैलेस होटल में मंगलवार तड़के लगी आग में कम से कम 17 लोग मारे गए. इसके बारे में केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस ने बताया कि होटल का आपातकालीन द्वार 'बहुत संकीर्ण' था और बंद भी था.

सेंट्रल दिल्ली के करोल बाग इलाके में घटनास्थल का दौरा करने वाले मंत्री ने कहा कि उन्हें यकीन था कि होटल ने मानदंडों का उल्लंघन किया होगा.


अल्फोंस ने कहा कि उन्होंने मेयर से बात की और उनसे यह जांच करने के लिए कहा है कि क्या सभी नियमों का पालन किया गया है और होटल प्रबंधन की ओर से कोई चूक होने पर तत्काल कार्रवाई की जाए.

दमकल विभाग के अनुसार, धमाके में 35 लोग घायल हो गए और उन्हें नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया. आग लगने के समय होटल में मौजूद लगभग साठ लोगों में से ज्यादातर सो रहे थे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि मरने वालों में एक महिला और बच्चे की मौत खिड़की से कूदने की कोशिश करने के क्रम में हो गई.

अग्निशमन अधिकारियों के अनुसार अधिकांश मौतें दम घुटने के कारण हुई हैं. जबकि कुछ ऐसे थे जिन्होंने जलने के कारण दम तोड़ दिया.

कुछ इस्तेमाल किए गए अग्निशामक यंत्र पाए गए, जिससे पता चला कि अंदर फंसे लोगों ने भागने की कोशिश में आग की लपटों को बुझाने की कोशिश की थी. लेकिन उनके लिए निकल पाना असंभव हो गया होगा.

केंद्रीय मंत्री ने पाईं कई गलतियां:

केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कहा, 'जब मैं आपातकालीन द्वार की ओर बढ़ा, तो मैंने पाया कि इसे कल (सोमवार की रात) बंद कर दिया गया था. साथ ही वो दरवाजा बहुत ही संकीर्ण था.'

उन्होंने कहा, 'जाहिर है, कि अगर लोग आपातकालीन दरवाजे की तरफ आए भी होंगे तो वे बच नहीं सकते थे क्योंकि यह एक तो यह बहुत ही संकीर्ण था और इसे वैसे भी बंद कर दिया गया था.'

अल्फोंस ने कहा कि अंदर बहुत सारी लकड़ियां थीं, जिससे शायद आग और भी ज्यादा फैल गई होगी.

दिल्ली होटल एंड रेस्टोरेंट्स ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप खंडेलवाल ने कहा कि फायर टेंडर 15-20 मिनट देरी से पहुंचे क्योंकि रात में सुरक्षा कारणों से इस क्षेत्र को बैरिकेडिंग करके बंद कर दिया जाता है और होटल तक पहुंचने के लिए फायर टेंडरों को लंबा रास्ता अपनाना पड़ा.

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से आग भड़की होगी.

उन्होंने कहा कि 45 कमरों के बजट होटल में 53 लोग थे, जिसके छत पर रेस्टोरेंट होगा.

एक प्रत्यक्षदर्शी द्वारा ली गई आग के वीडियो में आग की लपटों को छत से निकलते साफ देखा जा रहा है.

मधुर वर्मा, पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) ने कहा कि एक व्यक्ति अभी लापता है.

उन्होंने कहा, 'एक 43 वर्षीय महिला 45 प्रतिशत जल गई हैं.' उन्होंने पत्रकारों को बताया कि 13 शवों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल, दो को लेडी हार्डिंग अस्पताल और दो को बीएलके अस्पताल ले जाया गया.

शवों की पहचान कर ली गई है:

न्यूज18 की खबर के अनुसार 13 शवों में से, 10 की पहचान की गई है. केरल से तीन, गुजरात से एक, और म्यांमार से दो लोग हैं. अन्य चार शवों के बारे में अधिकारियों ने कहा कि उनकी पहचान कर ली गई है लेकिन यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वे कहां से आए थे.

घटना के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा, 'दिल्ली के करोल बाग में आग लगने के कारण लोगों की मौत से मैं बहुत दुखी हूं. मैं मरने वालों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं.'

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटनास्थल का दौरा किया और मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की.

उन्होंने कहा 'यह एक बहुत ही दुखद घटना है. ऐसा लगता है कि कुछ खामियां रही होंगी. घटना के कारणों की जांच के लिए एक मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया गया है.'

दिल्ली के अग्निशमन सेवा के निदेशक जीसी मिश्रा ने कहा कि विभाग को लगभग 4:30 बजे घटना के बारे में फोन आया. उन्होंने कहा कि आग होटल की चौथी मंजिल से शुरू हुई और दूसरी मंजिल तक फैल गई, जबकि ग्राउंड फ्लोर और बेसमेंट इससे अप्रभावित रहे.

गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि 'उन्होंने अग्निशमन विभाग को उन इमारतों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है और एक सप्ताह के भीतर उनकी अग्नि सुरक्षा अनुपालन पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है.'

2005 में पहली बार मिला था लाइसेंस:

होटल को पहली बार अक्टूबर 2005 में लाइसेंस दिया गया था और इसे हर साल रीन्यू किया जाता था. अंतिम नवीनीकरण 25 मई, 2018 को किया गया था और 31 मार्च तक वैध था.

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा, 'साइट से मिली जानकारी के अनुसार, शॉर्ट सर्किट के कारण 12 फरवरी को तड़के सुबह करीब 3.30 बजे दूसरी मंजिल पर आग लगने की घटना हुई.' इसकी आंतरिक जांच का आदेश दे दिए गए हैं.

दिल्ली सरकार ने भी त्रासदी के मद्देनजर अपने चौथे वर्षगांठ समारोह को रद्द कर दिया है.

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