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कपिल सिब्बल की एक ‘दलील’ गुजरात में कांग्रेस को कहीं दलदल में न डाल दे?

कांग्रेस पार्टी भले ही कपिल सिब्बल की दलील को पर्सनल बता कर पल्ला झाड़ रही हो, लेकिन कहीं सिब्बल की यह एक गलती राहुल गांधी की उम्मीदों और मेहनत पर पानी न फेर दे?

Ravishankar Singh

गुजरात विधानसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान में अब सिर्फ तीन दिन का वक्त बचा है. पहले चरण के लिए 89 सीटों पर 9 दिसंबर को वोटिंग होनी हैं. इस फेज की वोटिंग की तारीख ज्यों-ज्यों नजदीक आती जा रही है चुनाव प्रचार भी जोर पकड़ने लगा है.

चुनाव प्रचार के इस आखिरी पड़ाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. कांग्रेस जहां 22 साल बाद गुजरात में फिर से सत्ता में वापसी का सपना संजोए बैठी है, वहीं बीजेपी ने पूरी ताकत इसलिए लगा दी है कि कांग्रेस का यह सपना, सपना ही रह जाए. हर मोर्चे पर बीजेपी गुजरात के अंदर और बाहर कांग्रेस पर जोरदार हमला करने की किसी भी मौके को हाथ से जाने नहीं देना चाहती है.


बीजेपी के स्टार प्रचारक और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां बुधवार को गुजरात में कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला, वहीं उनकी पार्टी बीजेपी दिल्ली में राम जन्मभूमि विवाद पर कपिल सिब्बल के दिए सुप्रीम कोर्ट में एक दलील को मुद्दा बना कर दिल्ली में भुनाने में लग गई.

बुधवार की सुबह दिल्ली में खिली हुई धूप निकली तो बीजेपी के नेताओ के चेहरे भी खिलने लगे, और खिले भी क्यों न कपिल सिब्बल ने जो बैठे-बैठाए मुद्दा बीजेपी के हाथ में दे दिया. कपिल सिब्बल के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए एक दलील ने राजनीतिक सरगर्मियां तेज कर दी.

गौरतलब है कि मंगलवार को राम जन्मभूमि विवाद मसले पर सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल की एक दलील बीजेपी नेताओं को नगवार गुजरा. कपिल सिब्बल ने दलील दी कि अगले आम चुनाव तक राम जन्मभूमि मसले की सुनवाई टाल दी जाए. इसके बाद से ही बीजेपी नेताओं ने इस मुद्दे को जबरदस्त तरीके से भुनाना शुरू कर दिया. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पैरोकारों ने केस तैयार नहीं होने के आधार पर सुनवाई का विरोध किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने आठ फरवरी 2018 तक टाल दिया है.

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मौके की नजाकत को समझते हुए बीजेपी नेताओं ने भी इस मुद्दे को भुनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. बीजेपी नेताओं ने कपिल सिब्बल के बहाने कांग्रेस पार्टी पर चौतरफा हमला बोलना शुरू कर दिया है जो कि गुजरात चुनाव के खत्म होने तक जारी रह सकता है. बुधवार को बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस से सवाल किया कि कपिल सिब्बल सुन्नी वक्फ बोर्ड के पैरोकार हैं या फिर कांग्रेस पार्टी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे?

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने मीडिया के सामने मुखातिब हो कर कांग्रेस से सवाल किया, ‘कांग्रेस ये बताए कि जब सुन्नी वक्फ बोर्ड भी मामले की जल्द सुनवाई की मांग कर रही है तो ऐसे में कपिल सिब्बल किस हैसियत से कोर्ट से सुनवाई टालने की दलील दे रहे थे?

प्रतीकात्मक तस्वीर

गौरतलब है कि राम जन्मभूमि विवाद पर एक पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड भी है. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी कपिल सिब्बल की दलील से किनारा कर लिया है. कपिल सिब्बल सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से ही पक्ष रख रहे थे.

सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य और बाबारी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने भी कपिल सिब्बल के बयान पर नराजगी जताते हुए उसे गलत करार दिया है. हाजी महबूब मीडिया से बात करते कहा है, ‘बेशक कपिल सिब्बल हमारे वकील हैं, लेकिन वह एक राजनीतिक पार्टी से भी ताल्लूक रखते हैं. सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने 5 दिसंबर को बयान दिया है वह गलत है. हमलोग इस मसले पर जल्द से जल्द समाधान चाहते हैं. सिब्बल साहब यह कैसे कह दिया कि साल 2019 के बाद इस केस की सुनवाई हो? हमलोग चाहते हैं कि इस मसले का जल्द से जल्द हल निकला जाए. हमलोग नहीं चाहते हैं कि 1992 की कहानी फिर से दोहराई जाए. हमलोगों को पता नहीं था कि वह इस तरह की बात सुप्रीम कोर्ट में करेंगे?’

इसी मसले को लेकर बीजेपी ने मंगलवार को भी कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला था. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कपिल सिब्बल की दलील पर कहा था, ‘कपिल सिब्बल एक वकील होने के नाते यह दलील पेश कर सकते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह देश के कानून मंत्री भी रह चुके हैं. वह 2019 तक सुनवाई टालना चाहते हैं? बेशक उन्होंने यह दलील कोर्ट के अंदर दी हो, लेकिन कोर्ट से बाहर इस बयान का क्या मतलब निकलता है इसका अंदाजा उनको था? कोर्ट के अंदर दिया उनका यह दलील निहायत ही गैरजिम्मेदाराना है.’

वहीं गुजरात में प्रचार करने पीएम मोदी भी इस मौके को भुनाने में पीछे नहीं रहे. गुजरात की एक रैली में पीएम मोदी ने कहा कि आखिर 2019 का आम चुनाव कांग्रेस लड़ेगी या सुन्नी वक्फ बोर्ड चुनाव लड़ेगा? पीएम मोदी ने कहा कि मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं है कि वह(कपिल सिब्बल) एक पक्ष के पैरोकार हैं, लेकिन वह यह कैसे कह सकते हैं कि 2019 तक राम जन्मभूमि विवाद का कोई हल नहीं निकलना चाहिए?

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इस मुद्दे पर जब फर्स्टपोस्ट हिंदी पिछले चार-पांच दशकों से केंद्र और देश की राजनीति को करीब से समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय से बात करने पर उन्होंने कहा, ‘देखिए वर्तमान परिवेश में कपिल सिब्बल जो भाषा बोल रहे हैं, वह किसी जमाने में सैयद शहाबुद्दीन बोला करते थे. मेरे विचार से सैयद शहाबुद्दीन की आत्मा कपिल सिब्बल के अंदर प्रवेश कर गई है.’

कुल मिलाकर कह सकते हैं कि गुजरात चुनाव का प्रचार अभियान के आखिरी पड़ाव में और भी कई रंग देखने को मिलेंगे. इसमें कोई दो राय नहीं है कि कपिल सिब्बल की सुप्रीम कोर्ट में दिए एक दलील ने गुजरात में कांग्रेस को एक बार फिर से बैकफुट पर ला कर खड़ा कर दिया है.

कांग्रेस पार्टी भले ही कपिल सिब्बल की दलील को पर्सनल बता कर पल्ला झाड़ रही हो, लेकिन कहीं सिब्बल की यह एक गलती राहुल गांधी की उम्मीदों और मेहनत पर पानी न फेर दे?