बॉलीवुड अभिनेता आलोक नाथ के खिलाफ लेखक और प्रोड्यूसर विनीता नंदा द्वारा लगाया गया रेप केस कमजोर पड़ सकता है. इस मामले में मुंबई कोर्ट
ने कहा कि विनीता कथित अपराध की तारीख या महीना नहीं बता सकी हैं.
एनडीटीवी के मुताबिक मुंबई की सेशन कोर्ट ने आलोक नाथ की गिरफ्तारी से पहले जमानत की अनुमति देते हुए कहा कि इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि उसे अपराध में झूठा ठहराया गया है.
कोर्ट ने कहा कि विनीता नंदा को पूरी घटना याद है लेकिन घटना की तारीख और महीना याद नहीं है. यह सब देखते हुए इस संभावना से इंकार नहीं किया
जा सकता कि आरोपी को अपराध में झूठा फंसाया गया.
जज एसएस ओझा ने 15 पेज के ऑर्डर में कहा कि आलोकनाथ को 5 लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दी गई है. उन्हें कई फिल्मों और टेलीविजन शो में
संस्कारी भूमिकाओं के लिए जाना जाता है.
मंगलवार को कोर्ट की वेबसाइट पर जो ऑर्डर अपलोड किया गया है उसमें जज ने कहा कि नंदा द्वारा लगाए गए आरोप आलोक नाथ के लिए उनके एकतरफा प्यार से प्रेरित हो सकते हैं.
कोर्ट ने कहा, 'मिस नंदा और आलोक नाथ की पत्नी आशू चंडीगढ़ कॉलेज में दोस्त थीं. यह 1980 की बात है. यह दोनों एक प्रोडक्शन यूनिट में काम कर रही
थीं जहां उनकी मुलाकात आलोक नाथ से हुई. यहां तीनों ही लोग अच्छे दोस्त बने. आलोक नाथ ने आशू को 1987 में प्रपोज किया और शादी कर ली.'
कोर्ट ने कहा कि उस दौरान शिकायतकर्ता को लगा कि वह अकेली हो गई हैं क्योंकि उसने अपना सबसे अच्छा दोस्त खो दिया था. जज ने कहा, 'शायद
आलोक नाथ के खिलाफ शिकायतकर्ता का आरोप उनके एकतरफा प्यार से प्रेरित हो सकता है.'
गौरतलब है कि इस मामले में सबसे पहले एफआईआर 21 नवंबर को दर्ज की गई थी. इसमें नंदा ने आरोप लगाया था कि 19 साल पहले आलोक नाथ ने उनके साथ रेप किया.
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