view all

अगला लोकसभा चुनाव और दिल्ली विधानसभा चुनाव भी अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में लड़ेगी आप

अरविंद केजरीवाल अप्रैल 2016 में तीन साल के लिए दूसरी बार आप के संयोजक चुने गए थे. इस लिहाज से अप्रैल 2019 में उनका दूसरा कार्यकाल भी खत्म हो रहा था

Ravishankar Singh

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, पार्टी के सर्वेसर्वा बने रहेंगे. पार्टी एक बार फिर से अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में ही आगामी लोकसभा और दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ेगी.

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में राष्ट्रीय परिषद् का कार्यकाल भी एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है. राष्ट्रीय परिषद् का कार्यकाल एक साल और बढ़ाने का मतलब यह हुआ कि अरविंद केजरीवाल ही अगले एक साल तक के लिए पार्टी के संयोजक बने रहेंगे.


पिछले कुछ दिनों से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि ‘आप’ के संविधान में संशोधन कर अरविंद केजरीवाल को फिर से अगले तीन साल तक के लिए पार्टी का संयोजक बनाया जाएगा. लेकिन, पार्टी के राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी ने संविधान में संशोधन करने के बजाए राष्ट्रीय परिषद् का कार्यकाल बढ़ाकर एक तीर से कई निशाने साधे हैं.

बीजेपी ने भी अमित शाह का कार्यकाल बढ़ाने के लिए ऐसा ही किया था:

ये बात अलग है कि विपक्षी पार्टियां खासकर बीजेपी भी अब इस फैसले पर सवाल नहीं उठा सकती है. क्योंकि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए भी इसी तरह का मसौदा बीजेपी के पिछले राष्ट्रीय अधिवेशन में पास किया जा चुका है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल भी अगले साल जनवरी महीने में खत्म हो रहा था, लेकिन पार्टी की पिछले राष्ट्रीय अधिवेशन में अमित शाह सहित पूरी टीम का कार्यकाल लोकसभा चुनाव तक बढ़ा दिया गया.

ये भी पढ़ें: राज्यसभा में पारित नहीं होने देंगे ट्रिपल तलाक बिल: कांग्रेस नेता

लेकिन जानकारों का मानना है कि आम आदमी पार्टी ने बड़ी चलाकी से राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में अरविंद केजरीवाल के लिए पार्टी का संविधान तो नहीं बदला, लेकिन राष्ट्रीय परिषद् का कार्यकाल बढ़ा दिया. इस फ़ैसले से साफ हो गया है कि अगले एक साल तक और वह पार्टी के संयोजक बने रहेंगे. लेकिन, पार्टी के गठन के समय जो बातें कही गई थी उसको किनारे कर दिया गया है. अरविंद केजरीवाल की इच्छा तो राष्ट्रीय नेता बनने की है लेकिन पार्टी के अंदर उनका व्यवहार क्षेत्रीय दलों जैसा है.

बता दें ‘आप’ के मौजूदा संविधान के मुताबिक कोई भी सदस्य पार्टी पदाधिकारी के रूप में एक ही पद पर तीन-तीन साल के लिए लगातार दो बार से ज्यादा नहीं रह सकता है.

केजरीवाल 2016 में तीन साल के लिए दोबारा चुने गए थे:

बता दें कि अरविंद केजरीवाल अप्रैल 2016 में तीन साल के लिए दूसरी बार आप के संयोजक चुने गए थे. इस लिहाज से अप्रैल 2019 में उनका दूसरा कार्यकाल भी खत्म हो रहा था.

देश में आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई.जिन राज्यों में आम आदमी पार्टी का आधार मजबूत है, उन राज्यों में आम आदमी पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी. किसानों की भलाई के नाम पर बीजेपी के द्वारा लागू की गई फसल बीमा योजना असल में किसान डाका योजना है.

राष्ट्रीय परिषद की बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि जहां कहीं पर भी आम आदमी पार्टी का आधार मजबूत है, आम आदमी पार्टी उस राज्य में पूरे दमखम और पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी.

ये भी पढ़ें: The Accidental Prime Minister: मनमोहन सिंह के साथ ज्यादती तो नहीं?