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अगर आपने ईस्ट इंडिया कॉमेडी का 'द मोदी सॉन्ग' नहीं देखा तो क्या देखा..

ईस्ट इंडिया कॉमेडी ग्रुप ने इस वीडियो में नोटबंदी के दौरान उच्च मध्यवर्ग के लोगों की समस्याओं का जिक्र किया है.

FP Staff

बहुत बार हमारे आस-पास कुछ ऐसा घटता है जिसे हम महसूस तो कर लेते हैं, लेकिन उसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर पाते हैं. कुछ ऐसा ही हुआ था जब पिछले साल 8 नवंबर को पीएम नरेंद मोदी ने देशभर में 1000 और 500 के नोट को बंद करने की घोषणा की थी.

उस 3-4 महीने के दौरान भारत की जनता किस-किस तकलीफों से गुजरी उसे एक गाने के रूप में रिलीज किया है. जाने-माने देसी यू-ट्यूब सेंसेशन ईस्ट इंडिया कॉमेडी ने 02 मार्च को रिलीज किया.


इस वीडियो में डिमोनेटाईजेशन या नोटबंदी के असर को एक मजाकिया गाने के रूप में दिखाया गया है

जिस दिन ये गाना जारी किया गया उसी दिन ईआईसी के सदस्य सपन वर्मा ने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया कि अब वे अगले एक महीने तक अंडरग्राउंड हो जाएंगे. उन्होंने ये कहते हुए गाना भी शेयर किया था.

90 का साउंड ट्रैक

इस गाने में स्टैंड-अप कॉमेडियन अतुल खत्री, अंगद सिंह रान्याल, अज़ीम बनातवाला, सपन वर्मा, साहिल शाह, कुणाल राव और सोराभ पंत ने नोटबंदी के दिनों की यादों में व्यंग्य का पुट डालकर जनता के सामने लेकर आ रहे हैं.

इन लोगों ने इस गाने के बोल 90 के दशक के पॉपुलर साउंड- ट्रैक ‘मेड इन इंडिया’ जिसे इंडीपॉप सिंगर अलीशा चिनॉय ने गया था उसपे केंद्रित किया है. शायद ये पीएम के द्वारा दिए गए स्लोगन ‘मेड इन इंडिया’ का मजाक उड़ाने के लिए बिल्कुल सही म्यूज़िक ट्रैक है.

इन लोगों के शब्दों में कहें तो ये गाना कहीं न कहीं इस समय भारत के सबसे ताकतवर आदमी की नीतियों की आलोचना और उनपर किया गया तीखा हमला है. सबसे मजेदार बात ये है कि उन्होंने एक बार भी इसमें प्रधानमंत्री का नाम नहीं लिया है.

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उनके गाने की शुरुआत प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं की होती है, फिर वे अच्छे दिन और स्वच्छ भारत अभियान का जिक्र 90 की दशक के कुछ मशहूर गानों के साथ करते हैं.

ईस्ट इंडिया कॉमेडी ग्रुप ने अपने इस वीडियो में नोटबंदी के दौरान उच्च मध्यवर्ग के लोगों ने जिन समस्याओं को झेला उसे सामने लाने की कोशिश की है. वे इस दौरान लोगों के गुस्से और परेशानी को दिखाने की कोशिश कर रहे थे. उनके मुताबिक नोटबंदी का आयडिया जरूर अच्छा था लेकिन उसका अमलीकरण सही तरह से नहीं किया गया था.

उन्होंने अपने वीडियो में कैश बैन के कारण होने वाली दिक्कतें, कैश की कमी और इसके कारण बिजनेस में होने वाली दिक्कतों की चर्चा की. कैश की कमी को इंगित करने के लिए इन्होंने बताया कि कैसे सिगरेट लेने के लिए इन्हें चेक से पेमेंट करना पड़ा और क्यों उर्जित पटेल की जगह पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन को वापिस लाना चाहिए.