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काला हिरण मामला: आखिर कोर्ट ने किस आधार पर सैफ, तब्बू, सोनाली और नीलम को बरी किया

कोर्ट के फैसले से समझ आता है कि सभी छह लोगों को बेनेफिट ऑफ डाउट दिया गया

FP Staff

काला हिरण शिकार मामले में जोधपुर सेशन कोर्ट ने सलमान खान को पांच साल की सजा सुनाई है. लेकिन इसी मामले में बाकी आरोपियों को बरी कर दिया गया. कोर्ट में यह साफ हो गया था कि सलमान की जिप्सी में कुल सात लोग थे. आगे सलमान और सैफ, पीछे सोनाली बेंद्रे, तब्बू और नीलम. उससे पीछे दो और लोग दुष्यंत सिंह और दिनेश गावरे. आखिर ऐसा क्या हुआ कि सात में एक को पांच साल की सजा हुई, बाकी छह बरी कर दिए गए.

कोर्ट के फैसले से समझ आता है कि सभी छह लोगों को बेनेफिट ऑफ डाउट दिया गया. कहानी कुछ यूं है कि इस मामले के दो गवाह पूनमचंद विश्नोई और छोगाराम विश्नोई ने सात लोगों को देखा. उन्होंने सलमान खान को हिरण का शिकार करते हुए पहचान लिया. साथ ही पीछे की सीट पर तीन लड़कियों और उससे पीछे दो लड़कों के होने की बात कही. मामले के एक और गवाह शेराराम और कुछ लोगों ने जिप्सी का पीछा किया. उसके बाद कानूनी प्रक्रिया शुरू हुई.


कोर्ट की भाषा में प्रदर्श पी 1 यानी घटना की लिखित रिपोर्ट में लड़कियों का नाम और हुलिया नहीं लिखा गया. इसी तरह प्रदर्श पी 3 यानी रिपोर्ट की तीसरी प्रति में भी हुलिया और नाम नहीं है. यहां तक कि सहायक वन्य संरक्षक ललित कुमार बोड़ा ने वीडियोग्राफी के जरिए जो बयान लिए, उसमें भी तीनों अभिनेत्रियों का नाम या हुलिया नहीं बताया गया है.

अदालत ने पाया कि पूनमचंद के बयान में यह तो साफ है कि सलमान खान ने शिकार किया. लेकिन बाकी जितने भी लोग हैं, उनके बारे में ऐसा कुछ साफ नहीं किया गया कि पूरी घटना में उनका कोई रोल हो. यानी उन्होंने सलमान को ऐसा करने के लिए उकसाया हो, इसका कोई जिक्र नहीं है.

क्या सलमान के अलावा किसी की पहचान में दिलचस्पी नहीं थी?

सलमान की जिप्सी में पीछे बैठे मामले के एक और आरोपी दुष्यंत सिंह के वकील ने गवाहों से क्रॉस क्वेश्चनिंग में यह तय कर दिया कि पूरे भरोसे के साथ दुष्यंत के जिप्सी में होना साबित नहीं होता. न ही, यह साबित होता है कि किसी ने सलमान को उकसाया हो. गवाहों के बयान में लंबे बाल वाले व्यक्ति का जिक्र है, जिसे दुष्यंत माना गया. लेकिन इसकी शिनाख्त के लिए कोई कोशिश नहीं की गई. पूनमचंद अदालत में तब्बू और सोनाली बेंद्रे को पहचान नहीं पाए. उन्होंने कद-काठी में तब्बू जैसी लड़की होने का जिक्र किया. सोनाली बेंद्रे का नाम उन्हें नहीं पता था.

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शेराराम की गवाही भी अहम है, जिसने सलमान की जिप्सी का पीछा किया. शेराराम ने भी अपनी गवाही में केवल यही कहा कि जिप्सी में दो आदमी आगे बैठे थे. ड्राइविंग सीट के साथ सैफ अली खान थे. पीछे वाले आदमी के हाथ में बंदूक जैसा कुछ था. सामने बैठे दोनों लोगों के हाथ में कुछ नहीं था. तीन लड़कियां थीं, जिन्हें पहचानने से शेराराम ने भी इनकार कर दिया.

अदालत ने यहां भी माना कि इसमें पीछे बैठे किसी शख्स की पहचान साफ नहीं की गई. आगे बैठे सैफ अली खान के बारे में भी यह साबित नहीं हो सका कि उन्होंने सलमान खान को शिकार करने के लिए प्रेरित किया हो या उकसाया हो. मांगीलाल की गवाही भी शेराराम जैसी ही थी.

काले हिरण शिकार मामले में बॉलीवुड अभिनेताओं के खिलाफ प्रदर्शन. फोटो: रायटर्स

वनरक्षक सागरराम विश्नोई ने भी अपनी गवाही में इसे सही बताया कि पी 1, पी 2 या पी 3 में यानी लिखित रिपोर्ट और उसकी दूसरी या तीसरी कॉपी में कहीं लड़कियों का नाम नहीं लिखा गया. सागरराम ने इससे पहले अदालत में कहा था कि लड़कियों के नाम हैं. लेकिन जिरह में उन्होंने माना कि ऐसा बयान उन्होंने गलती से दिया था.

सैफ ने सलमान को उकसाया ये साबित नहीं हो सका

असिस्टेंट सीएफओ ललित बोड़ा ने बयान में साफ किया कि तीनों अभिनेत्रियों के रिपोर्ट में नाम नहीं हैं. ऐसे में शिनाख्त के लिए रिमांड की जरूरत थी लेकिन रिमांड नहीं मांगी गई. पहचान न कराने की सूरत में इन तीनों के लिए बचना आसान हो गया.

एक और गवाह राजेश सारस्वत के बारे में कहा गया था कि उनके सामने सैफ अली खान से एयर राइफल और पैलेट्स जब्त किए गए थे. लेकिन राजेश सारस्वत ने अपने बयान में कहा कि ललित बोड़ा ने 16-17 साल पहले हुई इस घटना में क्या कार्यवाही की, वो उन्हें पता नहीं है.

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अदालत ने अपने आदेश में लिखा है कि गवाहों के बयान से साफ होता है कि तीनों अभिनेत्रियों और सैफ अली खान के बारे में गवाहों ने कोई साफ बयान नहीं दिया है. पीछे बैठे लोगों के बारे में भी ऐसा साबित नहीं होता कि उन्होंने सलमान खान को शिकार करने के लिए उकसाया हो. यहां तक कि सलमान और सैफ के अलावा बाकी लोगों की मौके पर मौजूदगी भी साबित नहीं होती.

ऐसे में तीनों को सजा देना संभव नहीं है. यहां तक कि सैफ के बारे में भी सिर्फ यही साबित हो पाया है कि वो आगे की सीट पर बैठे थे. लेकिन ऐसा कहीं नहीं है कि सैफ ने सलमान को उकसाया हो. इस लिहाज से इन सभी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया.