हर साल 3 दिसंबर को दुनियाभर में विश्व विकलांग दिवस मानाया जाता है. इस दिन दिव्यांगों के प्रति लोगों के रवैये में बदलाव लाने के साथ ही दिव्यांगों को उनके अधिकारों के प्रथि जागरूक किया जाता है. इस साल इसकी थीम 'विकलांग व्यक्तियों को सशक्त बनाओ और उनके समावेश और समानता को सुनिश्चित करो' रखी गई है.
कैसे हुई थी इस दिवस को मनाने की शुरुआत?
साल 1976 में संयुक्त राष्ट्र आम सभा की तरफ साल 1981 को विश्व विकलांग वर्ष के रूप में घोषित किया गया था. इस दौरान अतंराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, स्तर पर दिव्यांगो के लिए प्रचार और बराबरी के मौकों पर जोर देने के लिए योजना बनाई गई. 1992 से इसे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की शुरुआत हुई. साल 2007 तक इस दिन को 'International Day of Disabled Persons' कहा जाता था.
कैसे मनाया जाता है ये दिन?
दिव्यांगों के सश्क्तिकरण के लिए मनाए जाने वाले इस दिन को दुनियाभर में काफी उत्साह से मनाया जाता है. इस दिन कई जगहों पर दिव्यांगों की बनाई गई पेंटिंग्स या अन्य चीजों का एक्जीबिशन लगाया जाता है. इसके अलावा अलग अलग कार्यक्रमों के जरिए दिव्यांगो को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाता है.
इस साल विकलांग दिवस मनाने कि लिए यूएन की तरफ से खास कार्क्रमों का आयोजन किया गया है. दरअसल 2030 तक यूएन ने एजेंडा तैयार किया है जिसका मकसद है कि इस दौर में कोई भी व्यक्ति पीछे न छूटे फिर वो चाहे दिव्यांग ही क्यों न हो, इसलिए यूएन की तरफ से इस दिन खास कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
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