विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में पूरी दुनिया में सामने आए मलेरिया के कुल मामलों में से 80 प्रतिशत मामले भारत और 15 उप सहारा अफ्रीकी देशों से थे. साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी देखा गया कि भारत में 1.25 अरब लोग इस मच्छर जनित बीमारी की चपेट में आने की कगार पर थे.
हालांकि डब्ल्यूएचओ की 2018 के लिए विश्व मलेरिया रिपोर्ट में एक सकारात्मक बात भी कही गई है जिसके मुताबिक भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने 2016 के मुकाबले 2017 में मलेरिया के मामलों को घटाने में प्रगति की है.
इसमें कहा गया कि विश्व भर में मलेरिया के करीब आधे मामले पांच देशों से सामने आए जिनमें नाइजीरिया (25 प्रतिशत), कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (11 प्रतिशत), मोजाम्बिक (पांच प्रतिशत) और भारत व युगांडा से चार-चार फीसद मामले देखे गए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर विश्व भर में मलेरिया के 80 प्रतिशत मामले 15 उप सहारा अफ्रीकी देशों और भारत से थे. भारत में 1.25 अरब लोगों पर मलेरिया की चपेट में आने का जोखिम था.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत उन देशों में से है जिन्होंने इलाज में असफलता की उच्च दर का पता लगाया और फिर अपनी इलाज संबंधी नीतियों में बदलाव किया.
आगे रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत और इंडोनेशिया वर्ष 2020 तक मलेरिया के मामलों में 20 से 40 फीसदी की कमी लाने की राह पर हैं.
मलेरिया से हर साल, एक अनुमान के अनुसार 660,000 लोगों की जान जाती है.
हालांकि, 2017 में 2016 के मुकाबले पूरी दुनिया में मलेरिया के मामलों में कमी देखी गई है. 2016 में 219 मिलियन केस मिले थे, जबकि 2017 में इनकी संख्या 217 रही.
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