अमेरिका ने मंगलवार को अपनी तरह के पहले इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) को भेद सकने वाली वाली मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण किया.
यह परीक्षण ऐसे समय किया गया जब इससे एक दिन पहले ही उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था.
अमेरिकी सेना ने बयान जारी कर बताया कि कैलिफोर्निया के वेन्देंबर्ग वायु सेना अड्डे से लॉन्च किए गए जमीन आधारित इंटरसेप्टर मिसाइल ने मार्शल द्वीप में रीगल परीक्षण स्थल से छोड़े गए ‘इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल को सफलतापूर्वक भेद दिया.’
देश पर आये किसी भी खतरे से निपटने के लिए हैं तैयार
अमेरिकी मिसाइल रक्षा एजेंसी के निदेशक वाइस एडमिरल जिम सीरिंग ने कहा, ‘यह प्रणाली हमारे देश की रक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और यह परीक्षण दिखाता है कि हम एक वास्तविक खतरे से निपटने में सक्षम हैं.’
यह परीक्षण आईसीबीएम मिसाइलों के खिलाफ जमीन आधारित रक्षा प्रणाली स्थापित करने के अमेरिका के प्रयासों को देखते हुए बेहद महत्वपूर्ण था. उत्तर कोरिया द्वारा लगातार किये जा रहे मिसाइल परीक्षणों से भी अमेरिका की चिंता बढ़ रही थी.
उत्तर कोरिया से लगातार मिल रही हैं चुनौतियां
पेंटागन के प्रवक्ता नेवी कैप्टन जेफ डेविस ने बताया कि मंगलवार का परीक्षण मात्र उत्तर कोरिया के साथ बढ़ रहे तनाव के जवाब में नहीं था हालांकि उत्तर कोरिया भी इसके कारणों में से एक है.
डेविस ने कहा, ‘वो (उत्तर कोरिया) खतरनाक बयानबाजी करते हुए लगातार परीक्षण कर रहे हैं जैसा कि हमने इस वीकेंड भी देखा. इससे यह संकेत मिलता है कि वे अमेरिकी सरजमीं को भी निशाना बना सकते हैं.’
उन्होंने यह भी कहा कि ईरान की बढ़ती मिसाइल क्षमता भी पश्चिम एशिया में अमेरिकी हितों को चुनौती दे रही है.
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