अमेरिका भारत और इराक जैसे देशों के लिए ईरानी तेल का विकल्प खोजने के लिए अतिरिक्त कोशिश कर रहा है. वाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका इस दिशा में ज्यादा मेहनत कर रहा है कि भारत जैसे देशों के लिए ईरान के विकल्प में एक दूसरा देश लाया जा सके.
अमेरिकी प्रशासन ने गुरुवार को कहा कि उसने ईरान से तेल खरीदने वाले सभी देशों को फिर से चेतावनी दी है कि चार नवंबर तक वे ईरान से तेल आयात बिल्कुल बंद करें या अमेरिका के प्रतिबंधों का सामना करने के लिए तैयार रहें.
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने वाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मैंने (ईरानी तेल की खरीदारी को लेकर भारतीय अधिकारियों के साथ) बातचीत की. (ट्रंप) प्रशासन के अन्य अधिकारियों ने भी वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों से बातचीत की है.’
बोल्टन ने पिछले महीने यहां अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल से मुलाकात की थी. उसके हफ्ते भर पहले ही नई दिल्ली में 2+2 वार्ता हुई थी. बोल्टन ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने ईरान को लेकर भारत के सामने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.
उन्होंने कहा, ‘एक और चीज जो मुझे लगता है कि अहम है, चाहे वह इराक हो या भारत या कोई और देश हो, विशेष रूप से जो ईरानी तेल खरीदते रहे हैं. हम उनके लिए कहना चाहेंगे कि हम तेल मार्केट में दूसरा देश ढूंढ़ने का पूरा प्रयास कर रहे हैं ताकि बाजार मूल्यों पर तेलों की वैकल्पिक आपूर्ति हो सके.
बोल्टन के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन का मकसद चार नवंबर को ईरान पर फिर से नया प्रतिबंध लगाकर वहां की सरकार पर और दबाव डालना है. उन्होंने कहा कि हमारा मकसद साफ है कि ईरान पर लगे प्रतिबंधों में ढील नहीं दी जाएगी और उसके तेल और गैस के निर्यात को ठप कर देना है.
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