आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर अमेरिका का शिकंजा कसता जा रहा है. अमेरिका ने ग्लोबल टेररिज्म फंडिंग की निगरानी रखने वाले समूह से पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए मनी लॉन्ड्रिंग करने वाले देशों की सूची में रखने का प्रस्ताव रखा है.
पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान की यह कोशिश रही है कि उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा आतंकवादी फंडिंग के नियमों के अनुरूप नहीं समझे जाने वाले देशों की सूची में शामिल न किया जाए. पाकिस्तानी अधिकारियों को लगता है कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा.
पाकिस्तानी अधिकारी ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान को ग्लोबल मनी लॉन्ड्रिंग और ग्लोबल टेररिज्म फंडिंग निगरानी संबंधी ‘ग्रे लिस्ट’ में डलवाने के लिए अमेरिका और भारत ने मिलकर मुहिम चला रखा है.
मनी लॉन्ड्रिंग और टेररिज्म फंडिंग के खिलाफ उचित कार्रवाई न करने वाले देशों को एफएटीएफ की ‘ग्रे’ और ‘ब्लैक’ लिस्ट में डाल दिया जाता है. पाकिस्तान को पिछली बार फरवरी 2012 में एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में डाला गया था. 3 साल तक वो इस लिस्ट में रहा था.
अमेरिका पाकिस्तान को उसके इस्लामिक आतंकवादियों के साथ कथित संबंधों के लिए कठोर कार्रवाई के लिए लगातार धमकियां दे रहा है. पिछले महीने ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को दी जाने वाली लगभग 2 अरब डॉलर की आर्थिक मदद रोक दी थी.
पाकिस्तान जो हमेशा से अफगानिस्तान और भारत में आतंकवादी गतिविधियों में अपना हाथ होने से इनकार करता रहा है उसने अमेरिका की इन धमकियों पर काफी तीखी प्रतिक्रिया दी है.
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