भारतीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ एक द्विपक्षीय बैठक से इनकार करने पर ब्रिटेन के रक्षा मंत्री गेविन विलियमसन अपनी कैबिनेट में कथित रूप से निशाने पर आ गए हैं. सीतारमण लंदन में पहले 'ब्रिटेन-भारत सप्ताह’ बैठक में शामिल होने वाली थीं.
इस बैठक के लिए एक महीने पहले ही भारतीय अधिकारियों की ओर से अनुरोध किया गया था. ब्रिटेन के कम से कम दो मंत्रियों ने कथित तौर पर विलियमसन को सीतारमण के लिए समय निकालने के महत्व को समझाने का प्रयास किया था. इन दो मंत्रियों में विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन शामिल थे.
‘द संडे टाइम्स’ की खबर के अनुसार विलियमसन ने सीतारमण से 20 से 22 जून के बीच सुरक्षा सहयोग और रक्षा खरीद को लेकर द्विपक्षीय वार्ता पर मिलने से इनकार कर दिया. इस संबंध में नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई. समाचार पत्र ने ब्रिटिश सरकार के एक सूत्र के हवाले से कहा, ‘लोग इसे लेकर बहुत नाराज हैं.’
विश्व की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था को किया नाराज
सूत्र ने कहा, ‘भारत का रक्षा बजट विश्व के तेजी से बढ़ते रक्षा बजटों में से एक है जिसमें साल में 50 अरब डॉलर के करीब खर्च होता है. ऐसा लगता है कि यह विलियमसन का एक और बिना सोचा समझा निर्णय है.’ विलियमसन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी भारतीय समकक्ष सीतारमण को नजरंदाज करके विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देश को नाराज कर दिया है.
कार्यक्रम में दो दिवसीय सम्मेलन और ब्रिटेन-भारत पुरस्कार भी शामिल था. इसमें सीतारमण शामिल होने वाली थीं लेकिन उनकी यात्रा टाल दी गई क्योंकि विलियमसन के साथ मुलाकात तय नहीं हो पाई.
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