थाईलैंड में एक गुफा में फंसी फुटबॉल टीम के खिलाड़ियों तक पहुंचने के लिए पहाड़ में 100 से ज्यादा चिमनियां बनाईं जा रहीं हैं. बचाव अभियान के प्रमुख से मिली जानकारी के मुताबिक गुफा में फंसे बच्चों को ऊपर के रास्ते से बाहर निकालने के लिए नए तरीके तलाशे जा रहे हैं. उन्होंने कहा अगर गुफा में पानी भरा रहता है, तो वहां से गोतीखोरी करते हुए उन्हें बाहर निकालना जोखिम भरा हो सकता है.
बचाव अभियान प्रमुख नारोंगसाक ओसोट्टानाकोर्न ने मीडिया से कहा, 'कुछ (चिमनियां) कम से कम 400 मीटर गहरी हैं. लेकिन अभी भी उन्हें बच्चों का ठिकाना नहीं मिला है.' उन्होंने कहा कि उनके पास वह तकनीक नहीं है जिससे उन लोगों की स्थिति का सटीक पता लगाया जा सके.
बचाव अभियान प्रमुख ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि वे 600 मीटर की गहराई पर हैं लेकिन हमारे पास सटीक जानकारी नहीं है.' गुफा में ऑक्सीजन का स्तर घटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि गुफा में साफ हवा पहुंचाने के लिए बचावकर्मियों ने एक लाइन पहुंचाई है.
कोच ने गुफा में फंसे बच्चों के माता-पिता से माफी मांगी
इसी बीच थाईलैंड की गुफा में पिछले दो हफ्ते से फंसे बच्चों के फुटबाल कोच ने चिट्ठी लिखकर उनके मां-बाप से माफी मांगी है. बच्चों के साथ फंसे उनके कोच चैंटवॉन्ग ने गोताखोर को एक चिट्ठी दी, जिसमें उन्होंने बच्चों के माता-पिता को लिखा है, 'सारे बच्चे अभी भी ठीक हैं. मैं वादा करता हूं कि सभी बच्चों का पूरा ध्यान रखूंगा. आप सभी के नैतिक समर्थन के लिए धन्यवाद. मैं सभी माता-पिता से माफी मांगता हूं.'
कोच ने अपनी दादी और चाची को भी चिट्ठी लिखी. उन्होंने लिखा कि आप चिंता न करें और अपना ध्यान रखें. उनकी लिखी यह चिट्ठी थाई सील ने शनिवार को सार्वजनिक की.
मालूम हो कि उस अंधेरी गुफा में फंसे 11 से 16 साल के बच्चों के साथ मौजूद टीम के कोच एक्कापोल चैंटवॉन्ग एकमात्र वयस्क हैं. ये बच्चे सोमवार को एक बेहद संकरी गुफा में कीचड़ से सने हुए पाए गए थे. इन्हें निकालने की तमाम कोशिशें जारी है, लेकिन आशंका है कि इस काम में चार महीनों तक का वक्त लग सकता है.
कुछ लोग कोच की निंदा कर रहे हैं
समाचार एजेंसी से मिला खबर के मुताबिक कोच ने बच्चों को इन मुश्किल हालात में जिंदा रखने के लिए अपने हिस्से का खाना भी दे दिया था. उनके इस कदम की लोग खूब तारीफ कर रहे हैं. हालांकि इस बीच कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो मानसून के मौसम में बच्चों को उस खतरनाक गुफा में ले जाने को लेकर उनकी निंदा भी कर रहे हैं.
गौरतलब है कि 11 से 16 साल के ये खिलाड़ी और उनके 25 वर्षीय कोच 23 जून को फुटबॉल के एक मैच के बाद उत्तरी चिआंग राय प्रांत में थाम लुआंग नांग नोन गुफा देखने गए थे, जिसके बाद वे लापता हो गए. भारी बारिश के कारण गुफा में पानी भर गया, जिस वजह से वे सभी वहां फंस गए. काफी कोशिशों के बाद एक ब्रिटिश गोताखोर ने सोमवार रात को उन्हें ढूंढ निकाला था.
(साभार:न्यूज18 और भाषा से इनपुट)
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