देश की दिग्गज आईटी कंपनी टीसीएस को अमेरिका में बड़ा झटका लगा है. अमेरिकी कर्मचारियों के साथ भेदभाव के मामले में कंपनी के खिलाफ अमेरिकी अदालत में मुकदमा चलेगा.
कैलिफोर्निया की ओकलैंड कोर्ट ने कंपनी की याचिका ठुकरा दी है, कंपनी ने 2015 के एक मामले को खारिज करने की याचिका दी थी. कंपनी पर 2015 में एंटी डिस्क्रिमिनेशन कानून तोड़ने का आरोप है. इसलिए कंपनी पर अमेरिकी कर्मचारियों को निकालने पर क्लास एक्शन सूट किया गया है.
जज ने अमेरिकी कर्मचारियों द्वारा दायर मामले में यह निर्णय लिया है. ये सभी कर्मचारी अमेरिका स्थित टीसीएस के दफ्तर में काम करते थे जिनकी बाद में नौकरियां चली गई थीं.
कैम्ब्रिज की एक रिपोर्ट के मुताबिक टीसीएस ने 2011 और 2016 के दौरान अमेरिका में 12,500 लोगों को नौकरियां दी हैं.
सॉफ्टवेयर क्षेत्र की इस दिग्गज कंपनी ने पिछले तीन वर्षों में अमेरिका में रोजगार, शिक्षा और शैक्षिक साझेदारी पर 3 अरब डॉलर से अधिक (19,360 करोड़ रुपए) खर्च किए थे.
हांलांकि यह मामला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव से जुड़ा हुआ है, इसका उद्देश्य उनके अभियान के वादों में से एक है, 'अमेरिका में विदेशी कामगारों की संख्या को कम करना.'
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