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अफगानिस्तान में तालिबान की भूमिका होगी, लेकिन प्रभाव नहीं: ईरान

ईरान के विदेश मंत्री के मुताबिक चरमपंथ, पाकिस्तान के लिए भी एक अस्तित्ववादी खतरा है'

Updated On: Jan 09, 2019 09:27 PM IST

FP Staff

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अफगानिस्तान में तालिबान की भूमिका होगी, लेकिन प्रभाव नहीं: ईरान

अफगानिस्तान में आतंकी समूह तालिबान की बढ़ती ताकत और अमेरिकी सैनिकों के वहां से जाने की बात ने भारत की चिंताएं बढ़ा दी हैं. इस पर ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जरिफ ने कहा कि यह नामुमकिन है कि भविष्य में अफगान सरकार से तालिबान को हटाया जा सके, लेकिन उनकी ज्यादा प्रभावशाली भूमिका नहीं होगी. ईरान ने तालिबान के साथ पिछले हफ्ते पहली बार औपचारिक बातचीत शुरू की है. इसी के साथ जरीफ ने कहा कि चरमपंथ पाकिस्तान के लिए एक अस्तित्ववादी खतरा है.

एनडीटीवी से बातचीत में जरीफ ने कहा, 'मुझे लगता है कि तालिबान की भूमिका के बिना अफगानिस्तान का भविष्य असंभव होगा. लेकिन हम यह भी मानते हैं कि तालिबान की अफगानिस्तान में एक प्रमुख भूमिका नहीं होनी चाहिए. आखिरकार यह निर्णय तो अफगानों को लेना ही होगा.' अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों को पाकिस्तान के समर्थन से संबंधित सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान 'सकारात्मक भूमिका' निभाने की कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान को है अस्तित्ववादी खतरा

जरीफ ने कहा, 'हम मानते हैं कि अफगानिस्तान पर पाकिस्तान की स्थिति विकसित हो रही है और हमारा मानना है कि पाकिस्तान अब अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया शुरू करने के लिए सकारात्मक भूमिका निभाने की कोशिश कर रहा है. मैं समझता हूं कि पाकिस्तानियों को भी चरमपंथियों के गुटों के दवाब में अफगानिस्तान को देखने की इच्छा नहीं है. पाकिस्तान के लिए भी यह एक अस्तित्ववादी खतरा है.'

अफगानिस्तान में अस्थिरता को लेकर भारत चिंतित है, विशेष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा के बाद कि वह 7,000 अमेरिकी सैनिकों को वहां से हटा लेंगे. हालांकि, ईरान का मानना है कि अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति ने 'अफगानिस्तान की सुरक्षा और स्थिरता पर मदद करने के लिए कुछ नहीं किया.'

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