पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर आतंकी कैंपो को तहस नहस कर 40 crpf जवानों की मौत का बदला ले लिया है. भारत की वायुसेना ने 26 फरवरी की रात 3.30 बजे मुज़फ्फराबाद के बालाकोट में स्थित जैश-ए- मोहम्मद के आतंकी कैंपों में ताबड़तोड़ बम बरसाए. इस हमले को 12 मिराज-2000 लड़ाकू विमानों की मदद से अंजाम दिया गया.
बताया जा रहा है कि इस हमले में 300 के करीब आतंकी मारे जा चुके हैं. इनमें JeM के कई कमांडर और ट्रेनर भी शामिल थे. इस बीच एक खुलासा ये भी हुआ है कि इन आंतकी कैंपो को मसूद अजहर का साला मौलाना यूसुफ अजहर चला रहा था और वो भी इस कार्रवाई में मारा जा चुका है. जानकारी के मुताबिक हमला इंटेलीजेंस इनपुट के बाद यूसुफ को निशाना बनाने के लिए ही किया गया था.
कौन है यूसुफ?
युसूफ असल में जैश चीफ मसूद अजहर का साला बताया जाता है और उसके खिलाफ साल 2000 में ही इंटरपोल से भी रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो चुका है. विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया है कि बालाकोट में जैश का सबसे बड़ा आतंकी कैंप था जिसे निशाना बनाकर इस हमले को अंजाम दिया गया है. बताया जाता है कि ये आतंकी कैंप मसूद अजहर के लिए युसूफ ही चला रहा था. युसूफ बालाकोट के आबादी वाले इलाकों में छुपकर आतकी कैंप चला रहा था जिसकी जानकारी बीते साल से ही इंटेलीजेंस के पास थी और उसकी मौजूदगी कन्फर्म होने के बाद ही हमले का आदेश दिया गया था.
कंधार विमान अपहरण के जरिए मसूद अजहर को छुड़ाने वालों में युसूफ का नाम भी सामने आता रहा है लेकिन सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि उस साजिश का मास्टरमाइंड इब्राहिम अजहर नाम का एक अन्य आतंकी है. बताया जाता है कि युसूफ कराची में पैदा हुआ और और वो काफी अच्छी हिंदी भी बोलता है. भारत में भी हाईजैकिंग, आतंकवाद और किडनैपिंग जैसे केस में वो वांछित है. साल 2002 में भारत ने पाकिस्तान को 20 आतंकियों की एक लिस्ट सौंपी थी जिसमें युसूफ का नाम भी था.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
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