भारत में पाक उच्चायुक्त और पाक फॉरेन सर्विसेज में अब्दुल बासित का कार्यकाल समय से पहले खत्म हो रहा है. बासित ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से भारत में नियुक्ति के बाद ही समय से पूर्व रिटायरमेंट की मांग की थी.
मई 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐतिहासिक जीत से दो महीने पहले बासित को भारत में उच्चायुक्त नियुक्त किया था.
पिछले तीन साल में बासित ने काफी करीब से भारत-पाकिस्तान रिश्तों में बहुत ऊंच-नीच देखी है. बासित की पारी की सही शुरूआत तब हुई थी जब नरेंद्र मोदी ने पाक पीएम नवाज शरीफ को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित कर सबको चौंका दिया था. इस पर बासित ने खुद कहा था ‘मैं तो खुद सरप्राइज हूं’
बासित का कार्यकाल अप्रैल 2018 में पूरा हो रहा था. लेकिन उन्होंने पाक पीएम से पहले रिटायर होने की मांग की थी.
1982 में हुए विदेश सेवा में शामिल
बासित 1982 में विदेश सेवा में शामिल हुए थे. उन्होंने विदेश में पाकिस्तानी मिशन पर कई राजनयिक जिम्मेदारियां संभाली हैं. वर्ष 2014 में भारत के उच्चायुक्त के रूप में नियुक्ति से पहले बासित मई 2012 से मार्च 2014 तक जर्मनी में पाकिस्तान के राजदूत थे. बासित नई दिल्ली में तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं.
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