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तमाम उठापटक के बाद संसद के अध्यक्ष ने विक्रमसिंघे को ही माना श्रीलंका का प्रधानमंत्री

संसद के स्पीकर ने कहा कि संसद को निलंबित करने का फैसला स्पीकर के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया जाना चाहिए

Updated On: Oct 28, 2018 08:50 PM IST

FP Staff

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तमाम उठापटक के बाद संसद के अध्यक्ष ने विक्रमसिंघे को ही माना श्रीलंका का प्रधानमंत्री

श्रीलंका की संसद के स्पीकर कारु जयसूर्या ने संकट में घिरे रानिल विक्रमसिंघे को बड़ी राहत देते हुए रविवार को उन्हें देश के प्रधानमंत्री के तौर पर मान्यता दे दी है. गौरतलब है कि यूएनपी नेता विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री के पद से बर्खास्त कर दिया था.

इसके बाद सिरीसेना को लिखे एक पत्र में जयसूर्या ने 16 नवंबर तक सदन को निलंबित करने के उनके फैसले पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा कि इससे देश को 'गंभीर और अवांछनीय' परिणाम भुगतने पड़ेंगे.

पत्र में उन्होंने राष्ट्रपति से विक्रमसिंघे को सरकार के नेता के तौर पर मिले विशेषाधिकार फिर से बहाल करने को कहा था. विक्रमसिंघे के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने 'लोकतंत्र और सुशासन कायम करने के लिए जनादेश हासिल किया है.'

संसद के स्पीकर ने कहा कि संसद को निलंबित करने का फैसला स्पीकर के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया जाना चाहिए. जयसूर्या ने कहा, '16 नवंबर तक संसद भंग रखने से हमारे देश को गंभीर और अवांछनीय परिणाम भुगतने होंगे और मैं आपसे विनम्र आग्रह करता हूं कि इस पर फिर से विचार करें.'

संसद स्थगित करने का फैसला अध्यक्ष  के परामर्श से होना चाहिए

उन्होंने कहा, 'मेरे विचार से, यह मेरा कर्तव्य है कि मैं आपका ध्यान उस प्रक्रिया की तरफ आकर्षित करूं जिसके तहत संसद स्थगित करने का फैसला अध्यक्ष के परामर्श से लिया जाना चाहिए.' संसद के अध्यक्ष ने विक्रमसिंघे की सुरक्षा वापस लेने के सिरीसेना के फैसले पर भी सवाल उठाए.

गौरतलब है कि शुक्रवार को राष्ट्रपति सिरिसेना ने प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिला दी थी. विक्रमसिंघे ने इस कदम को अवैध और असंवैधानिक बताया था.

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