कुछ हफ्तो पहले लापता हो चुके अमेरिकी पत्रकार जमाल खशोगी के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. मामले में बुरी तरह फंसे सऊदी अरब ने खुद इसकी पुष्टि की है.
न्यूज एजेंसी एएफपी ने खबर दी कि शुक्रवार को सऊदी अरब ने ये आखिरकार स्वीकार कर लिया कि जमाल खशोगी की मौत तुर्की की राजधानी इंस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के दूतावास में मारे गए हैं.
Saudi Arabia confirms Khashoggi killed in Istanbul consulate; top Saudi intelligence official fired, reports AFP quoting state media
— ANI (@ANI) October 19, 2018
जमाल खशोगी की मौत की खबर की पुष्टि हो जाने के बाद वाइट हाउस ने इस घटना पर दुख जताया है. वाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी सारा सांडर्स ने ट्वीट कर कहा कि 'हम जमाल खशोगी की मौत की खबर सुनकर दुखी हैं. हम उनके परिवार और उनके करीबियों को सांत्वना देते हैं. हम सऊदी अरब की इस घटना की जांच में साथ हैं. हम लगातार इस अंतरराष्ट्रीय जांच की निगरानी करेंगे और सुनिश्चित करेंगे एक पारदर्शी और जल्दी न्याय हो.'
Statement on Saudi Arabia Investigation: pic.twitter.com/DjBdwZAGAi
— Sarah Sanders (@PressSec) October 19, 2018
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सऊदी की मीडिया ने कहा है कि खशोगी की हत्या के मामले में 18 लोगों को बतौर संदिग्ध गिरफ्तार किया गया है. हालांकि, इन खबरों में बताया गया है कि जमाल खशोगी एक 'फिस्ट फाइट' यानी झगड़े में मारे गए हैं.
बता दें कि वॉशिंगटन पोस्ट में जमाल खशोगी पिछले कुछ हफ्तों से लापता थे. उन्हें आखिरी बार इंस्तांबुल के सऊदी अरब दूतावास में घुसते हुए देखा गया था. यहां से उनके बाहर जाने का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है.
इस दौरान यह खबरें भी आईं कि उनकी हत्या कर दी गई है, लेकिन सऊदी इससे इनकार करता रहा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खशोगी की हत्या की आशंका पर कहा था कि 'बिना शक दिख रहा है कि खशोगी की मौत हो गई है, हम वादा करते हैं कि अगर सऊदी रॉयल इसके जिम्मेदार होंगे तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.'
बता दें कि इसी हफ्ते की शुरुआत में खबर आई थी कि सऊदी अरब ऐसी रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसमें खशोगी की मौत की पुष्टि की जाएगी. इस रिपोर्ट में बताया जाना था कि खशोगी की एक इंटेरोगेशन के दौरान मौत हो गई थी.
ट्रंप, सऊदी रॉयल्स को इस बात की चेतावनी दे चुके हैं अगर वह खशोगी की मौत के लिए जिम्मेदार पाए जाएंगे तो उनके 'कड़ी सजा' दी जाएगी.
गौरतलब है कि पत्रकार के तौर पर जमाल खाशोगी का काम सऊदी अरब में काफी विवादित रहा है. मोहम्मद बिन सलमान के क्राउन प्रिंस बनने के बाद उन्होंने स्वयं निर्वासन पर अमेरिका जाने का फैसला लिया था.
वाशिंगटन पोस्ट के लिए काम करते हुए खाशोगी ने कई मुद्दों पर सऊदी अरब की आलोचना की. इसमें यमन युद्ध, कनाडा के साथ हाल ही में हुआ राजनयिक मनमुटाव और ड्राइविंग के अधिकार के लिए आंदोलन करने वाली महिलाओं की गिरफ्तारी के लिए सऊदी की आलोचना करना शामिल है.
अब देखना है कि सऊदी अरब की ओर से पुष्टि किए जाने के बाद ट्रंप क्या फैसला लेते हैं.
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