रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने साहसिक कारनामों से अकसर चर्चाओं में रहते हैं. इस बार उन्होंने बर्फीली झील के पानी में डुबकी लगाई सुर्खियां बटोरी हैं. ईसाइयों के त्योहार एपिफनी के मौके पर शुक्रवार को आर्थोडॉक्स चर्च की ओर से ठंडे जल में स्नान करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव के मुताबिक, बर्फीले पानी में स्नान करने से पूर्व पुतिन वहां पश्चिमी सेलिगर लेक पर स्थित निलोव मोनास्ट्री में आयोजित विशेष प्रार्थना सभा में शामिल हुए.
65 साल के पुतिन के अलावा दुनियाभर के आर्थोडॉक्स ईसाई धर्मावलंबियों ने इस अवसर पर अपने आसपास की बर्फीली झीलों में डुबकी लगायी. रूस में यह परंपरा 16वीं सदी से चली आ रही है. ऐसा करने के पीछे मान्यता है कि इंसान के पुराने पापों से मुक्ति मिल जाती है.
पिछले साल साइबेरिया में छुट्टियां मनाते वक्त पुतिन की एक पर्वत झील में फिशिंग (मछली पकड़ने) और अगस्त 2009 में छुट्टी के दौरान घुड़सवारी की शर्टलेस तस्वीर सामने आई थी.
रूस में इस साल मार्च में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं. पुतिन एक बार फिर इस रेस में शामिल की तैयारी में हैं.
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