पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा है कि राजनीतिक निर्णय मतदान केंद्रों पर लिए जाने चाहिए न कि अदालतों में. अब्बासी का यह बयान स्पष्ट तौर पर उनके पूर्ववर्ती नवाज शरीफ को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपदस्थ किए जाने के संदर्भ में था.
सुप्रीम कोर्ट ने 68 साल के शरीफ को पिछले साल जुलाई में पनामा पेपर मामले में प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था. डेरा गाजी खान में एक जनसमूह को संबोधित करते हुए अब्बासी ने कहा कि 'मतदाताओं को राजनीतिक फैसले लेने दें.'
डॉन न्यूज ने उनके हवाले से कहा, 'राजनीतिक फैसले मतदान केंद्रों पर लिए जाते हैं, अदालतों में नहीं.' पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश मियां साकिब निसार से मुलाकात के कई दिनों बाद अब्बासी की यह टिप्पणी सामने आई है.
इस मुलाकात और उसके बाद न्यायाधीश निसार द्वारा प्रधानमंत्री को निवेदक बताने से शरीफ गुस्से में आ गए थे. उन्होंने बाद में सार्वजनिक तौर पर अब्बासी को इस मुलाकात पर अपनी स्थिति साफ करने को कहा था.
अब्बासी ने कहा, 'यह अजीब परंपरा है कि जो कोई भी देश की समस्या हल करता है उसे अदालतों में घसीटा जाता है, पद से हटा दिया जाता है और लोगों से दूर करने के प्रयास किए जाते हैं.'
उन्होंने चेताया, 'यह पाकिस्तान की परंपरा नहीं है. यह परंपरा पाकिस्तान में राजनीति को सम्मान नहीं दिला सकती.' प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों का फैसला अदालती फैसलों से हमेशा महत्त्वपूर्ण होता है. इनमें से कुछ अदालती फैसलों को उन्होंने विवादित और इतिहास द्वारा अस्वीकार्य भी बताया.
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