जर्मनी में हवाई जहाज के पायलटों ने जर्मनी से निर्वासित किए गए 222 शरणार्थियों को देश छोड़ने से रोका है. पायलटों ने उन्हें लेकर उड़ान भरने से इनकार किया जिससे ये निर्वासन रुक गए.
कई पायलटों ने इन उड़ानों को शुरू करने से इनकार कर दिया जिनमें वो लोग उड़ान भरने वाले थे जिन्हें अफगानिस्तान भेजा जाना था. एयरलाइन्स का कहना है कि ये फैसले हर एक केस के मुताबिक लिए गए और यह कोई संगठित फैसला नहीं था. उनका मानना था कि ऐसा करने से हवाई जहाज की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती थी.
Pilots in Germany are refusing to deport Afghan refugees whose asylum was rejected pic.twitter.com/y2DdQOvgko
— TRT World (@trtworld) December 8, 2017
पायलट चाहे तो मना कर सकता है
गौरतलब है कि जनवरी से सितंबर के बीच कुल मिला कर 222 पूर्वनियोजित निर्वासन असफल रहे क्योंकि पायलटों ने उन्हें ले जाने से इनकार कर दिया था.
द इंडिपेंडेंट के मुताबिक पैसेंजर को ना ले जाना पायलट पर निर्भर करता है. अगर उन्हें लगता है कि उड़ान की सुरक्षा पर फर्क पड़ सकता है तो वो मना कर सकते हैं. हालांकि अगर पायलट ऐसा नैतिकता के आधार पर करें तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. हालांकि किसी पायलट ने ऐसा नहीं किया है.
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