‘डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक, सईद की दाखिल एक याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान उसके वकील ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को सूचित किया कि राष्ट्रपति का जारी अध्यादेश निष्प्रभावी हो गया है और उसकी अवधि को कभी नहीं बढ़ाया गया. याचिकाकर्ता ने उस अध्यादेश को चुनौती दी थी जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की निगरानी सूची में शामिल करने के लिए उसके संगठनों को प्रतिबंधित किया गया.
खबर में बताया गया कि सईद ने याचिका में तर्क दिया कि उसने 2002 में जमात उद दावा को स्थापित किया था और प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ सारे संबंध खत्म कर लिए थे लेकिन प्रतिबंधित संगठन के साथ पूर्व में उसके संबंध को लेकर भारत जेयूडी की लगातार निंदा करता रहता है.
इसके अलावा, भारत पाकिस्तान पर निरंतर दबाव बना रहा है कि नवंबर 2008 के मुंबई हमलों के साजिशकर्ताओं को कानून के समक्ष लाया जाए. सईद लश्कर-ए-तैयबा का सह-संस्थापक है जो उस हमले के लिए जिम्मेदार है जिसमें 166 लोग मारे गए थे.
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मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद नीत जमात-उद-दावा (जेयूडी) और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठनों की सूची से अब बाहर हो गए हैं. मीडिया में आई एक खबर के मुताबिक इन संगठनों को संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के तहत प्रतिबंधित करने वाला राष्ट्रपति का अध्यादेश निष्प्रभावी हो गया है, जिसके बाद वो अब इस सूची से बाहर हो गए हैं.