पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने वाले हैं. नेशनल असेंबली के साथ-साथ प्रांतों के प्रोवेंसियल असेंबली के लिए भी चुनाव होने वाले हैं. इस बार चुनाव लड़ने वाली महिलाओं की संख्या में इजाफा भी हुआ है. इसकी वजह है कि पाकिस्तान के इलेक्शन एक्ट, 2017 में किए गए सुधारों के मुताबिक सभी पार्टियों के लिए सामान्य सीटों पर महिलाओं को 5 प्रतिशत सीटों पर टिकट देना अनिवार्य कर दिया गया है.
पाकिस्तान के अखबार डॉन में छपी खबर के अनुसार प्रतिनिधित्व बढ़ाने के प्रयासों के बावजूद राजनीतिक पार्टियां महिलाओं के नामांकन पत्रों को स्वीकार करने में कोई खास इच्छा नहीं दिखा रही हैं और राजनीतिक परिवारों से आने वाली महिलाओं को टिकट के बंटवारे में तरजीह दे रही हैं.
पिछले चुनाव में पाकिस्तान इलेक्शन कमीशन के डाटा के अनुसार नेशनल असेंबली के चुनाव में ब्लूचिस्तान से 50, खैबर-पख्तूनवा और फाटा से 78, पंजाब से 123 और सिंध से 99 महिलाओं ने पर्चा भरा था. इस चुनाव में अबतक ब्लूचिस्तान से 36, खैबर-पख्तूनवा और फाटा से 88, पंजाब से 236 और सिंध से 76 महिलाओं ने नामांकन करने का प्रयास किया है.
प्रोवेंसियल असेंबली चुनावों के लिए 2013 में ब्लूचिस्तान से 114 महिलाओं, खैबर-पख्तूनवा से 229, पंजाब से 231 और सिंध से 247 महिलाओं ने पर्चा भरा था, जबकि इस बार ब्लूचिस्तान से 116, खैबर-पख्तूनवा से 262, पंजाब से 664 और सिंध से 213 महिलाओं ने नामांकन किया है.
इन वजहों से है महिला नेताओं में नाराजगी
अगर कहीं महिलाओं द्वारा नामांकन करने में कमी आई है तो इसकी एक वजह चुनाव लड़ने के लिए सिक्यूरिटी फीस में बढ़ोतरी भी है. नेशनल असेंबली के लिए 4,000 से बढ़ाकर 30,000 रुपए कर दी गई है जबकि प्रोवेंसियल असेंबली 2,000 से बढ़ाकर 20,000 कर दी गई है, यह सिक्योरिटी फीस नॉन-रिफंडेबल है.
सभी राजनीतिक पार्टियों के महिला कार्यकर्ताओं का मानना है कि महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए इलेक्शन कमीशन ने जो प्रावधान किया है, उसे उसकी मूलभूत भावना के तहत लागू नहीं किया जा रहा है. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की फैजिया मलिक का कहना है कि चुनाव आयोग के नियम की खानापूर्ति के लिए राजनीतिक पार्टियां उन सीटों पर महिलाओं को टिकट दे रही हैं, जहां उनका हारना पहले से लगभग तय है. मलिक ने यह भी कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि अधिकतर उन महिलाओं को टिकट मिल रहा है जो किसी खास परिवार से ताल्लुक रखते थे. मलिक पीपीपी के लाहौर महिला शाखा की प्रमुख भी हैं.
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