पाकिस्तान के चीफ जस्टिस साकिब निसार ने मानसिक रूप से बीमार एक पुलिसकर्मी की सजा पर रोक लगा दी जिसे इसी सोमवार यानी कल फांसी दी जानी थी.
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक कैदी की मां और उसकी मौत की सजा के निलंबन की मांग कर रहे मानवाधिकार समूहों की अपील के बाद चीफ जस्टिस निसार ने खिजर हयात की फांसी की सजा को शनिवार रात निलंबित कर दिया. एक्सप्रेस ट्रिब्यून समाचारपत्र की खबर के मुताबिक इस निलंबन से एक दिन पहले जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 15 जनवरी को लाहौर की कोट लखपत जेल में हयात को फांसी दिया जाना तय किया था.
डॉन अखबार ने अपनी खबर में बताया कि हयात को अपने साथी अधिकारी की गोली मार कर हत्या करने के जुर्म में 2003 में मौत की सजा सुनाई गई थी.उसने करीब 15 साल जेल में गुजारे हैं. हयात को पहली बार 2008 में जेल चिकित्सीय अधिकारियों ने एक प्रकार के पागलपन से ग्रस्त बताया था.
न्यायमूर्ति निसार ने मामले में अगली सुनवाई 14 जनवरी तय की है. कोर्ट में हयात के मामले की समीक्षा करने के अधिकार संगठनों की अपील के बाद यह फैसला किया गया.
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