चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को चीन के 'सुधारों और खुलेपन' की नीतियों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि कोई भी यह 'हुक्म' नहीं दे सकता है कि हमें क्या करना चाहिए. शी ने चीन के सुधार और खुलेपन की नीति की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर यह बात कही.
चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने दिवंगत चीनी नेता देंग शियोपिंग के कार्यकाल में दिसंबर 1978 में शुरू किए गए आर्थिक सुधारों को और आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई है. साथ ही शी ने संकेत दिया कि एक दलीय प्रणाली में बदलाव नहीं होगा.
अमेरिका के साथ विवाद के बीच जिनपिंग ने दिया बयान
जिनपिंग ने कहा, 'चीन की सरजमीं पर समाजवाद का झंडा हमेशा लहराता रहा है.' चीन के राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय में आया है जब उसका व्यापार और राजनयिक मोर्चे पर अमेरिका के साथ विवाद चल रहा है.
शी ने कहा, 'कोई भी इस स्थिति में नहीं है कि वो चीन के लोगों को निर्देश दे सके कि क्या किया जाना चाहिए या क्या नहीं किया जाना चाहिए.'उन्होंने कहा कि हमें दृढ़ता से विचार करना चाहिए क्या सुधार किए जाने चाहिए और क्या किए जा सकते हैं.
G-20 समिट में मिले थे ट्रंप-जिनपिंग
इससे पहले अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में आयोजित हुए G-20 समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी. अमेरिका के साथ गहराते ट्रेड वॉर के बीच चीनी राष्ट्रपति ने इस मुलाकात में टैरिफ दरों का मुद्दा सामने रखा. दोनों नेताओं के बीच करीब ढाई घंटे तक बातचीत हुई. इस दौरान दोनों नेताओं ने ये फैसला लिया कि 1 जनवरी से कोई नया टैरिफ नहीं लगाया जाएगा.
(भाषा से इनपुट)
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