निक्की हेली को डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका का अगला दूत नियुक्त किया है. हेली फिलहाल साउथ कैरोलाइना की गवर्नर हैं. हेली ट्रंप की नई नियुक्तियों में पहली महिला और पहली भारतवंशी हैं.
राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप की शुरुआती नियुक्तियों को आलोचना झेलनी पड़ी है. ट्रंप की नियुक्तियों में अधिकतर गोरे पुरुष थे. हेली और बेट्सी डिवोस की नियुक्ति से जाहिर है कि ट्रंप अपनी नियुक्तियों में विविधता लाना चाहते हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के लिए उनके विरोधी रहे बेन कारसन को भी उनकी सरकार में जगह ऑफर की है.
पार्टी से रिश्ते सुधारने की कोशिश
हेली साउथ कैरोलाइना की पहली अल्पसंख्यक गवर्नर हैं. वह रिपब्लिकन पार्टी के अंदरुनी तंत्र के नजदीक मानी जाती हैं. राष्ट्रपति चुनाव के दौरान उन्होंने पार्टी तंत्र के पसंदीदा उम्मीदवार मार्को रुबियो का समर्थन किया था. रिपब्लिकन पार्टी के अंदरुनी तंत्र से ट्रंप के रिश्ते बेहद शानदार नहीं रहे हैं.
डिवोस का मामला भी ऐसा ही है. वह रिपब्लिकन पार्टी के सबसे बड़े फंडरेजर्स में रही हैं लेकिन उन्होंने ट्रंप के लिए कभी फंड नहीं जुटाया. हेली और डिवोस की नियुक्ति से ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी की मुख्यधारा को साध रहे हैं.
बेन कारसन और बेट्सी डिवोस.
कारसन अफ्रीकी-अमेरिकी हैं. इस समुदाय में ट्रंप को समर्थन हासिल नहीं है. कारसन की सरकार में नियुक्ति को यह दूरी करने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा सकता है.
I am seriously considering Dr. Ben Carson as the head of HUD. I've gotten to know him well--he's a greatly talented person who loves people!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) November 22, 2016
विरोधियों को साथ लेकर चलने की कोशिश
इन नियुक्तियों के जरिए ट्रंप यह भी दिखाना चाह रहे हैं कि वह अपने विरोधियों के साथ भी काम करने को तैयार हैं. हेली और डिवोस दोनों ट्रंप के चुनाव प्रचार के दौरान उनके विरोध में रही थीं. कारसन तो राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन नामांकन के लिए उम्मीदवार थे.
ट्रंप को अभी कई बड़ी नियुक्तियां करनी हैं. इनमें सबसे अहम विदेश मंत्री का पद है. इसके लिए ट्रंप के धुर समर्थक रूडी जुलियानी और ट्रंप के धुर आलोचक मिट रॉमनी रेस में सबसे आगे हैं. रॉमनी का नाम सामने आना अपने आप में संदेश है कि ट्रंप पुरानी बातों को आगे भूलने को तैयार दिख रहे हैं. विदेश मंत्री पद के लिए डेमोक्रेट जिम वेब का नाम भी सामने आया है. ट्रंप का फैसला उनकी विदेश नीति की दिशा-दशा तय करेगा.
ट्रंप की विरोधी रही हैं हेली
निक्की आर हेली भारत से आए इमिग्रेंट्स की संतान हैं. निमरत रंधावा का जन्म साउथ कैरोलाइना में हुआ लेकिन उनके माता-पिता पंजाब से अमेरिका आए थे. घर में सबसे छोटी होने के कारण उन्हें 'निक्की यानी छोटी' का नाम मिला.
हेली साउथ कैरोलाइना की पहली महिला गवर्नर बनीं. वह बॉबी जिंदल के बाद गवर्नर के पद पर पहुंचने वाली दूसरी भारतवंशी हैं. 44 साल की हेली फिलहाल अमेरिका की सबसे युवा गवर्नर हैं. हेली को इस बार के चुनाव में उपराष्ट्रपति पद के लिए संभावित नामों में भी देखा जा रहा था.
पति माइकल के साथ निक्की हेली. (फोटो: ट्विटर)
हेली अपने विचारों में ट्रंप के काफी उलट हैं. वह फेवर्स फ्री-मार्केट और ग्लोबल ट्रेड की पक्षधर हैं. वह ट्रंप के प्रचार के तरीके और उनकी विदेश नीतियों को लेकर काफी मुखर रही हैं. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने ट्रंप की आलोचना करते हुए कहा था कि ट्रंप का विरोधियों के खिलाफ रवैया दुनिया को युद्ध तक ले जा सकता है.
हेली ने ट्रंप का आमंत्रण स्वीकार कर लिया है. हालांकि यह देखना रोचक होगा कि हेली को इस पद पर कितनी वास्तविक शक्ति मिलती है. न्यूयॉर्क टाइम्स सवाल करता है कि क्या ट्रंप ने हेली को ऐसे पद पर रखा है जो उनकी नजर में हाशिये पर है या फिर हेली के पास ट्रंप की नीतियों में बदलाव लाने का प्रभाव होगा?
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