पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बेटों की आने वाले समय में मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
देश की जवाबदेही अदालत शरीफ के लंदन में रह रहे बेटों को पनामा पेपर मामले में भगोड़ा घोषित करने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाया है.
पनामा पेपर्स मामले में सुप्रीम कोर्ट के 28 जुलाई के फैसले के बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने 8 सितंबर को शरीफ, उनके दो बेटों हसन और हुसैन, बेटी मरियम के अलावा दामाद मोहम्मद सफदर के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए थे. एक अन्य मामला अदालत के फैसले के आधार पर वित्त मंत्री इसाक डार के खिलाफ दायर किया गया था.
एनएबी के जस्टिस मोहम्मद बशीर ने पिछले महीने शरीफ के बेटों के मामले को परिवार से अलग कर दिया था और उन्हें भगोड़ा घोषित करने के लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी. क्योंकि वर्तमान में लंदन में रह रहे दोनों भाई एक बार भी अदालत के बुलाने पर पेश नहीं हुए हैं.
अदालत ने बीते 10 अक्टूबर को दोनों को फरार घोषित कर दिया था. उन्हें अदालत में पेश होने के लिए 30 दिन की समय सीमा निर्धारित की थी जो पहले ही समाप्त हो चुकी है.
एनएबी अभियोजक ने उन्हें भगोड़ा घोषित करने के लिए मंगलवार को एक क्रियान्वयन रिपोर्ट पेश की. उन्होंने अदालत से उन्हें भगोड़ा घोषित करने की भी अपील की. हालांकि जज ने इस पर अपना निर्णय घोषित किए बिना ही कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी.
हसन और हुसैन दोनों लंदन में रहते हैं और सभी तीन मामलों में आरोपी हैं. इन मामलों में एवेनफील्ड प्रॉपर्टीज, अजीजिया स्टील मिल्स एंड हिल मेटल्स इस्टैब्लिशमेंट और फ्लैगशिप इंवेस्टमेंट लिमिटेड शामिल हैं.
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