4 जुलाई से शुरू हो रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजरायल दौरे का बेसब्री से इंतजार हो रहा है. ये दौरान भारत और इजरायल के रिश्तों की 25वीं सालगिरह के मौके पर हो रहा है. पीएम मोदी का ये दौरा कई मायनों में बेहद अहम है. ये किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली इजरायल यात्रा है. इस दौरान दोनों देश रक्षा से जुड़े कारोबार के अलावा आपसी रिश्ते के अन्य पहलुओं का दायरा बढ़ाने की कोशिश करेंगे.
इजराइल इस दौरे को कितनी अहमियत दे रहा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पीएम मोदी का स्वागत ठीक उसी तरह होगा, जैसे किसी अमेरिकी राष्ट्रपति का इजरायल आने पर होता है. इजरायल के अखबार येरुसलम पोस्ट के मुताबिक, 'मोदी किंग डेविड होटल के उसी सुइट में ठहरेंगे, जिसमें हालिया दौरे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रुके थे'.
पिछले 25 सालों में इजरायल, भारत का अहम रक्षा सहयोगी बनकर उभरा है. आज की तारीख में भारत को हथियारों का ये तीसरा बड़ा सप्लायर है. अब मोदी सरकार का इरादा अन्य क्षेत्रों में भी आपसी सहयोग बढ़ाने पर है. ताकि दोनों देशों की दोस्ती का दायरा बढ़ाया जा सके. इस दिशा में पिछले कई सालों से काम चल रहा है.
इजराइल दुनिया का स्टार्ट-अप हब है
दोनों देश चाहते हैं कि उनके संबंध स्थायी हो. इस दौरे में पानी के प्रबंधन, खेती और नई तकनीक तलाशने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन सकती है. इसके अलावा भारत और इजरायल, साइबर सिक्यॉरिटी और अंतरिक्ष के क्षेत्र में तालमेल बढ़ाने पर भी रजामंद होने की कोशिश करेंगे.
भारत में इजरायल के खेती के आधुनिक तरीके और पानी के बेहतर इस्तेमाल की तकनीक के खूब चर्चे होते हैं. लेकिन यहां इस बात की कम ही चर्चा होती है कि इजरायल दुनिया का स्टार्ट-अप हब भी है. इजरायल में कई शानदार आईटी स्टार्ट अप कंपनियों ने तेजी से तरक्की की है.
खेती के मामले में तो दोनों देश पहले से ही सहयोग कर रहे हैं. भारत-इजरायल एक्शन प्लान के तहत इजरायल ने बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, राजस्थान और तमिलनाडु में एग्रीकल्चर और हॉर्टीकल्चर के केंद्र खोले हैं. इनके जरिए खेती में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल का तरीका सिखाया जाता है.
इजरायल से रिश्ते बेहतर बनाने में केंद्र के अलावा कई राज्यों की सरकारों ने भी पहल की है. ताकि वो खेती और वाटर मैनेजमेंट के तरीके इजराइल से सीख सकें.
नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए 2006 में इजरायल का दौरा किया था. बीजेपी, इजरायल से बेहतर संबंधों की वकालत करती रही है. माना जा रहा था कि पीएम मोदी पद संभालने के बाद जल्द ही इजरायल का दौरा करेंगे. पीएम मोदी सितंबर 2014 में अमेरिका में इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से मिले थे. इस मुलाकात के जरिए ही उन्होंने संकेत दिया था कि वो इजरायल का दौरा करेंगे. लेकिन ये दौरा होने में तीन साल लग गए.
बेंजामिन नेतन्याहू और नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठकों के दौरान दो बार पहले भी मिल चुके हैं. दोनों नेताओं के बीच फोन पर अक्सर बात होती रहती है. हाल ही में नेतन्याहू ने ट्वीट करके पीएम मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताया था.
Thank you, my friend, for your kind holiday greeting. The people of Israel eagerly await your historic visit. https://t.co/Is1NmfWiMF
— Benjamin Netanyahu (@netanyahu) April 11, 2017
इजरायल, भारत से अपने संबंध को काफी अहमियत देता है. हाल के दिनों में यूरोपीय देशो के बीच इजरायल का समर्थन कम हुआ है. इसकी वजह, फिलिस्तीनी इलाकों में नई बस्तियां बसाने की इजरायल की कोशिश रही है. ऐसे में इजरायल के लिए भारत के साथ बेहतर रिश्ते और अहम हो जाते हैं.
भारत और इजरायल के रिश्ते हमेशा से ही फिलिस्तीन के चश्मे से देखे गए हैं. भारत शुरुआत से ही फिलिस्तीन का कट्टर समर्थक रहा है. हालांकि भारत ने इजरायल को 1950 में ही मान्यता दे दी थी. लेकिन दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध 1992 में जाकर स्थापित हुए. भारत, इजरायल और फिलिस्तीन से रिश्ते के बीच तालमेल बनाने की कोशिश करता रहा है.
लेकिन, पिछले कुछ सालों में इजरायल के साथ संबंध बेहतर हुए हैं. भारत अब खुलकर इजरायल के साथ अपने संबंध को अहमियत देता है. मोदी ने इजरायल और फिलिस्तीन को एक ही चश्मे से देखने की भारत की नीति भी बदल दी है. वो इजरायल का दौरा करने के बाद जर्मनी के हैम्बर्ग में जी-20 देशों की बैठक में शामिल होने जाएंगे. वैसे, फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने पिछले महीने भारत का दौरा किया था.
तेल अवीव में पीएम मोदी भारतीय मूल के लोगों के साथ एक कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए करीब 4 हजार लोग अब तक रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं.
इजरायल में भारतीय मूल के करीब 85 हजार लोग रहते हैं. इनमें से ज्यादातर भारतीय मूल के यहूदी हैं, जो 1950 के बाद के दशकों में इजरायल में बसने के लिए गए हैं. भारतीय मूल के लोगों के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नेतन्याहू के भी शामिल होने की उम्मीद है.
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