म्यांमार की राज्य सलाहकार आंग सान सू की ने कहा है कि रखाइन के रोहिंग्या संकट से हमारी सरकार बेहतर तरीके से निपट सकती थी. सू की का इशारा 2017 में म्यांमार पुलिस और आर्मी के हाथों रोहिंग्या मुसलमानों से हिंसा का था. सैन्य कार्रवाई के बाद अगस्त से अब तक करीब सात लाख रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार के पड़ोसी देश बांग्लादेश चले गए हैं.
Myanmar response to Rohingya crisis 'could have been handled better', says Myanmar State Counsellor Aung San Suu Kyi: AFP news agency (file pic) pic.twitter.com/jCyGLBx1Jm
— ANI (@ANI) September 13, 2018
हनोई शहर में आयोजित दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन (आसियान) के विश्व आर्थिक फोरम में हिस्सा लेते हुए सू की ने कहा कि ऐसे कई तरीके हैं, जिनसे स्थिति को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था, लेकिन हम मानते हैं कि लंबे समय की सुरक्षा और स्थिरता रखने के लिए हमें सभी पक्षों के साथ निष्पक्ष रहना होगा.
गिरफ्तार पत्रकारों पर सू की राय
सू की ने रॉयटर्स के उन दो पत्रकारों के बारे में भी बात की जिन्हें म्यांमार सेना ने रोहिंग्या शरणार्थियों पर हो रही हिंसा की रिपोर्टिंग करने के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया था. इन पत्रकारों को पिछले दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था. सू की ने इनकी गिरफ्तारी को लेकर यह स्पष्टीकरण दिया कि उन्हें पत्रकार होने के कारण नहीं गिरफ्तार किया गया, बल्कि उन्होंने कानून तोड़ा था.
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