वैज्ञानिकों ने चांद की मिट्टी की सबसे ऊपरी सतह में मौजूद जल का पहला नक्शा तैयार किया है. भविष्य में चंद्रमा पर चल रही खोज में यह फायदेमंद साबित होगा. यह नक्शा भारत के अंतरिक्ष यान चंद्रयान-1 पर लगे एक उपकरण की मदद से प्राप्त डेटा के आधार पर बनाया गया है.
साइंस एडवांसेस जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन का आधार वर्ष 2009 में चांद की मिट्टी में जल और संबंधित इकाई हाइड्रॉक्सिल की शुरुआती खोज है. अमेरिका के ब्राउन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने नासा के मून मिनरलॉजी मैपर के जरिए जुटाए गए आंकड़ों का इस्तेमाल किया. मैपर चंद्रयान-1 के साथ रवाना हुआ था और इसका काम यह पता लगाना था कि वैश्विक स्तर पर कितना पानी मौजूद है.
विश्वविद्यालय में पीएचडी के पूर्व छात्र शुआई ली ने कहा, ‘चांद की सतह पर लगभग हर जगह पानी की मौजूदगी के संकेत मिलते हैं, यह केवल धुव्रीय क्षेत्र तक सीमित नहीं है जैसा कि पहले रिपोर्ट में बताया गया था.’
चंद्रमा के नक्शे को तैयार करना धरती के नक्शे को तैयार करने जितना आसान नहीं है, क्योंकि पृथ्वी का नक्शा तैयार करने के दौरान भूगर्भीय ब्योरों के बारे में संदेह होने पर जानकारी की पुष्टि के लिए वैज्ञानिक व्यक्तिगत रूप से उस स्थान पर पहुंच भी सकते हैं, लेकिन चंद्रमा पर ऐसा संभव नहीं है.
चीन के उपग्रहों ने चंद्रमा की तस्वीरें ली हैं, जो इस नक्शे के निर्माण में निश्चित रूप से महत्वपूर्ण योगदान साबित होगा.
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