पाकिस्तान के जमात-उद-दावा (जेयूडी) और फलह-ए-इंसानियत (एफएएफ) जैसे आतंकी संगठनों पर रोक लगाने के दावे को सामने आए एक वीडियो ने हवा-हवाई साबित कर दिया है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि ये दोनों 'प्रतिबंधित' संगठन अब भी धड़ल्ले से अपना काम कर रहे हैं.
जेयूडी और एफएएफ को अमेरिका ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है. इन दोनों संगठनों का प्रचार-प्रसार पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) तक फैला हुआ है. इसके अंतर्गत 300 सेमिनार, स्कूल, अस्पताल, एक पब्लिशिंग हाउस और एंबुलेंस सेवाएं बेधड़क चल रही हैं.
एएनआई के मुताबिक, आतंकी संगठन के चैरिटी का काम हाफिज सईद संभालता है जिसने पूर्व में लश्कर-ए-तैयबा की भी स्थापना की थी. अमेरिका ने हाफिज के सिर पर 10 मिलियन डॉलर इनाम घोषित कर रखा है.
वीडियो से सच्चाई आई बाहर
वीडियो में साफ है कि जेयूडी और एफएएफ का आतंकी अभियान बहावलपुर, रावलपिंडी, लाहौर, शेखपुरा, मुल्तान, पेशावर, हैदराबाद, सुक्कुर और मुजफ्फराबाद में बेधड़क चल रहा है.
Offices and charities run by banned organisations Jamaat-ud-Dawah (JuD) and Falah-e-Insaniat (FIF) active in Pakistan's Bhawalpur, Rawalpindi, Lahore, Sheikhupura, Multan, Peshawar, Hyderabad, Sukkur and Muzaffarabad. These charities are headed by Lashkar-e-Taiba's Hafiz Saeed. pic.twitter.com/0JINOYfVK2
— ANI (@ANI) February 24, 2018
बहावलपुर में जेयूडी का काम देख रहा एक सीनियर कार्यकर्ता अबु हुरेरा ने पाकिस्तान सरकार के उस कदम की कड़ी निंदा की जिसके तहत इसे प्रतिबंधित किया गया है. पाकिस्तान सरकार ने पिछले दिनों जेयूडी और एफएएफ के चैरिटी और दीनी (धार्मिक) गतिविधियों पर रोक लगा दी है. साथ ही इनके साइनबोर्ड भी हटाने की हिदायत दी गई है.
आतंकी संगठनों का काम जारी
हुरेरा के मुताबिक एफएएफ के कार्यकर्ता उन जगहों पर काम कर रहे हैं जहां कोई जल्दी जाना नहीं चाहता. इसके कार्यकर्ता राहत कार्यों में काफी तेज हैं क्योंकि किसी भी घटनास्थल पर सरकारी लोगों से जल्दी ये पहुंचते हैं और पीड़ितों को बचाते हैं. हुरेरा ने कहा, हमें नहीं पता किन लोगों के दबाव में संगठन को बैन किया गया है. हजारों लोग जेएयूडी से जुड़े हैं, इसलिए बैन लगाने से कई लोगों के बेरोजगार होने की आशंका है.
जेयूडी और एफएएफ के कार्यकर्ताओं पर कोई भी कार्यक्रम करने और फंड जुटाने पर बैन लगा दी गई है. नतीजतन कई लोगों के भुखमरी के शिकार होने का खतरा पैदा हो गया है.
नाम बदला, काम वही
सिंध और बलूचिस्तान प्रांत में पाकिस्तान सरकार ने भले ही कड़ा एक्शन लिया हो पर कई जगह इन संगठनों के सिर्फ बोर्ड ही बदले गए हैं, उनका काम अब भी बदस्तूर जारी है.
शेखपुरा में अल-अजीज अस्पताल का नाम बदलकर गवर्मेंट अल-अजीज हॉस्पिटल रखा गया है. अल दावा इस्लामिक यूनिवर्सिटी का नाम गवर्मेंट इस्लामिक यूनिवर्सिटी रख दिया गया है. पाकिस्तान सरकार ने बड़ी चलाकी से कई संगठनों का नाम बदला है लेकिन वो अब भी अपना पुराना काम जारी रखे हुए हैं. हालांकि इन दोनों संगठनों को खुलेआम काम करने से रोका गया है. साथ ही एंबुलेंस सरकार को सौंपने और साइनबोर्ड हटाने की चेतावनी दी गई है.
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