अफगानिस्तान के सबसे खतरनाक आतंकवादी समूहों में शामिल हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गयी है. यह घोषणा हक्कानी नेटवर्क के सहयोगी संगठल अफगान तालिबान ने मंगलवार को की.
तालिबान ने एक बयान में बताया कि जलालुद्दीन हक्कानी का बेटा सिराजुद्दीन हक्कानी अब इस आतंकी समूह का प्रमुख होगा और वह तालिबान का उप नेता भी है. जलालुउद्दीन हक्कानी की मौत लंबी बीमारी के बाद हुई है. हालांकि ये पता नहीं है कि जलालुद्दीन की मौत कब और कहां हुई है. पिछले कुछ सालों में अकसर ही उसके मौत की खबरें आती रही हैं.
तालिबान ने ट्विटर पर अंग्रेजी में जारी अपने बयान में कहा कि जलालुद्दीन वर्तमान दौर के प्रमुख जेहादियों में से एक था. वह एक अफगान मुजाहिदीन कमांडर भी रहा था जिसने 1980 के दशक में अमेरिका और पाकिस्तान की मदद से अफगानिस्तान में सोवियत संघ के कब्जे के खिलाफ लड़ाई लड़ी. ये नेटवर्क अमेरिकी कब्जे के बाद से ही अफगानिस्तान में वक्त-वक्त पर आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है.
एसआईटीई ने अफगान तालिबान के बयान के हवाले से बताया, ‘उसने अल्लाह के धर्म के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना किया, साथ ही उसने अपने जीवन के आखिरी वर्षों के दौरान लंबी बीमारी का भी सामना किया.’
हालांकि हक्कानी का बेटा सिराजुद्दीन पहले से ही इस आतंकी ग्रुप की गतिविधियों को लीड कर रहा है, इसलिए ऐसा लगता नहीं कि हक्कानी की मौत से आतंकी घटनाओं पर कोई फर्क पड़ेगा.
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