इराकी सेना ने गुरुवार को दावा किया कि उसने मोसुल की अल-नूरी मस्जिद पर फिर से कब्जा कर लिया है. यह वही मस्जिद है जहां आईएस सरगना अबु बकर अल-बगदादी ने लोगों के सामने खुद को मुसलमानों का खलीफा घोषित किया था.
इराकी सेनाओं के मस्जिद के पास घेरा कसने के बाद इस्लामिक स्टेट आतंकियों ने पिछले हफ्ते मस्जिद में धमाका कर उसे नुकसान पहुंचाया था. मस्जिद पर फिर से कब्जे का ऐलान उसी दिन हुआ जब तीन साल पहले जेहादियों ने इराक और सीरिया में अपने पांव फैलाते हुये उन्हें 'खिलाफत' घोषित कर दिया था.
Iraq declares ‘fall’ of #ISIS as military retakes landmark al-Nuri mosque in #Mosul https://t.co/Wi0J2ENGJR pic.twitter.com/9Hm6Mho77d
— RT (@RT_com) June 29, 2017
मोसुल में आईएस के लिए खास महत्व रखता है अल-नूरी मस्जिद
संयुक्त अभियान कमान ने एक बयान में कहा, 'एंटी-टेररिस्ट बलों ने नूरी मस्जिद और अल-हदबा मीनारों पर नियंत्रण कर लिया है.' विशेष बलों के एक वरिष्ठ कमांडर के यह कहने के बाद कि मस्जिद को असल में वापस कब्जे में नहीं लिया गया है, अभियान कमान ने सप्ष्ट किया कि इसका मतलब है कि इराकी बलों ने इस इलाके को खाली करा लिया है.
मस्जिद और उसके प्रसिद्ध अल-हदबा की झुकी मीनार मोसुल की पहचानों में से एक थीं और इराक में आईएस के शासन में इनका खास महत्व है.
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