अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ईरान से एक चौंकाने वाली खबर आई. यहां की एक महिला को सिर्फ इसलिए दो साल की सजा दे दी गई क्योंकि उसने सख्त हिजाब कानून का विरोध किया था. और विरोध जताते हुए उसने अपना नकाब उतार दिया था.
तेहरान सरकार के मुद्दई अब्बास जफरी-दौलताबादी ने बताया, आधिकारिक तौर पर महिला का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है लेकिन उसे 'नैतिक कदाचार' बढ़ाने का दोषी पाया गया है. दौलताबादी ने यह भी बताया कि महिला को इलाज की सख्त जरूरत है इसलिए उसके 21 महीने की सजा को फिलहाल निरस्त कर दिया गया है.
बीबीसी वर्ल्ड की खबर के मुताबिक हाल के हफ्तों में ऐसी दर्जनों गिरफ्तारियां हुई हैं. हालांकि हिजाब हटाने के जुर्म में हिरासत में ली गईं कई महिलाओं को आजाद कर दिया गया है.
जिस महिला को तेहरान में 21 माह की सजा सुनाई गई है, उसे बिना पैरोल 3 महीने की सजा काटनी होगी. दौलताबादी ने बताया, उसे (सजा पाई महिला) लंबे इलाज की जरूरत है, साथ में एक साइकेट्रिस्ट की भी.
दौलताबादी ने उस महिला की सजा रद्द करने के फैसले की कड़ी आलोचना की है. उन्हें लगता है कि उसे पूरी सजा भुगतनी चाहिए.
बीते साल दिसंबर में तेहरान में एक ईरानी महिला ने न सिर्फ अपना नकाब उतारा, बल्कि उसे एक छड़ी के सहारे टांग भी दिया. देश-दुनिया में यह महिला सुर्खियों में छा गई और आज यही महिला नकाबमुक्त आंदोलन का चेहरा भी है. इससे पहले ईरान में 'व्हाइट वेडनेसडे' अभियान भी चल चुका है जिसका चेहरा वह महिला रही है. यह अभियान ईरान में महिलाओं को हिजाब से मुक्ति चलाने के लिए शुरू किया गया.
सन 1979 में ईरानी क्रांति के बाद सख्त मुस्लिम कानून लागू किए गए जिसमें महिलाओं को अपना सिर ढकने के लिए मजबूर होना पड़ा.
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