भारत ने पाकिस्तान के डिप्टी हाई कमिश्नर को समन भेजा है. पाक अधिकृत कश्मीर के गिलकित-बाल्टिस्तान इलाके में कब्जा जमाने के आदेश के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के लिए भारत की ओर से ये समन भेजा गया है. गिलकित-बाल्टिस्तान आदेश 2018 के मुताबिक शुरुआत में गिलकित-बाल्टिस्तान इलाके में काउंसिल के पावर को खत्म कर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को सौंप दिया गया. 21 मई को पारित गिलगिट-बाल्टिस्तान आदेश के जरिए पाकिस्तान सरकार ने इस विवादित क्षेत्र के मामलों से निपटने के लिए स्थानीय परिषद से कई अधिकार छीन लिए हैं.
इस एक तरफा फैसले ने इस इलाके के लोगों और राजनीतिक दलों के नेताओं में निराशा पैदा कर दी. विदेश मंत्रालय के अपने एक बयान में कहा भारत ने पाकिस्तान को कह दिया है कि गिलकित-बाल्टिस्तान समेत पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है.
बयान में ये भी कहा गया कि पाकिस्तान द्वारा इन इलाकों में जबरदस्ती और अवैध तरीके से कब्जा जमाने की कोई भी गतिविधि भारत बर्दाश्त नहीं करेगा. बयान में कहा गया कि अवैध कब्जे वाले इलाके पाकिस्तान को जल्द ही खाली कर देने चाहिए. मंत्रालय ने अपने बयान में ये भी कहा कि पाकिस्तान का कोई भी एक्शन जम्मू-कश्मीर में पाक के अवैध कब्जे की बात नहीं छुपा सकता. पिछले सत्तर सालों से वहां के लोगों के अधिकारों का हनन और उनकी स्वतंत्रता पर कब्जा कर बैठा पाकिस्तान वहां के लोगों की जिंदगी को नर्क बना चुका है.
क्या है पूरा मामला?
इस आदेश को गिलगिट - बाल्टिस्तान को अपने पांचवें प्रांत के रूप में शामिल करने की पाकिस्तान की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. फिलहाल बलूचिस्तान, खैबर-पख्तूनख्वा, पंजाब और सिंध पाकिस्तान के चार प्रांत हैं. बहरहाल , नए आदेश से स्थानीय नेता खफा हैं और उन्होंने क्षेत्रव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की है.
अवामी एक्शन कमिटी के अध्यक्ष सुल्तान रईस ने कहा, ‘इस पैकेज को वापस लिए जाने और हमें संवैधानिक अधिकार मिलने तक हम विधानसभा के बाहर प्रदर्शन जारी रखेंगे.’
पाकिस्तान के नागरिक अधिकार समूहों ने भी इस आदेश की आलोचना की है. खबरों के मुताबिक रविवार को गिलगिट-बाल्टिस्तान आदेश के खिलाफ एक प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में पाकिस्तान में कई लोग जख्मी हुए हैं. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक , पुलिस ने कल गिलगिट में आंसू गैस के गोले दागे और हवाई फायरिंग की ताकि प्रदर्शनकारियों को गिलगिट - बाल्टिस्तान विधानसभा की तरफ जाने से रोका जा सके. प्रदर्शनकारियों ने गिलगिट-बाल्टिस्तान विधानसभा के पास विवादित आदेश के खिलाफ प्रदर्शन की योजना बना रखी थी.
नेताओं ने पार्टी लाइन से परे जाकर पूरे गिलगिट-बाल्टिस्तान में रैलियां की और क्षेत्र के लिए संवैधानिक अधिकारों की मांग की. गिलगिट-बाल्टिस्तान सरकार ने गिलगिट-बाल्टिस्तान आदेश- 2018 लागू किया है जिसने गिलगिट-बाल्टिस्तान सशक्तिकरण एवं स्व-शासन आदेश- 2009 की जगह ली है. पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर को दो प्रशासनिक भागों में बांट रखा है जिसमें एक गिलगिट-बाल्टिस्तान और दूसरा पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) है.
पाकिस्तान गिलगिट-बाल्टिस्तान को अब तक अलग भौगोलिक इकाई के तौर पर मानता रहा है.
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