एक बार फिर भारत ने मालदीव को राजनीतिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता बहाल करने के लिए अपनी बात दोहराई है. गुरुवार को विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम और पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला सईद सहित तमाम राजनीतिक कैदियों को रिहा कर चुनावी प्रक्रिया बहाल करने को कहा गया.
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि मालदीव सरकार के लिए यह महत्वपूर्ण है कि राजनीतक प्रक्रिया की विश्वसनीय बहाली सुनिश्चित हो. साथ ही साथ यह भी कहा गया है कि इस साल होने वाले चुनाव की घोषणा से पहले देश में कानून का शासन को स्थापित किया जाए.
इसके साथ ही भारत ने मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मैमून अब्दुल गयूम और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अब्दुला सईद को बगैर निष्पक्ष सुनवाई के जेल की सजा सुनाए जाने पर निराशा जताते हुए कहा कि इससे कानून के शासन को लेकर मालदीव की प्रतिबद्धता पर संदेह पैदा होता है. मालदीव की एक अदालत ने बुधवार को गयूम और न्यायमूर्ति सईद को न्याय में बाधा पहुंचाने का दोषी करार देते हुए 19 माह की जेल की सजा सुनाई है.
मालदीव में राजनीतिक संकट की शुरुआत से ही भारत ने वहां की सरकार से बार-बार आग्रह किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट एवं पार्लियामेंट जैसे सभी संस्थानों को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से काम करने दे.
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि यह लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी मांग रही है. भारत का मानना है कि लोकतांत्रिक, स्थिर और समृद्ध मालदीव सभी पड़ोसियों और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के हित में है.
(इनपुट ANI से)
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