क्रिकेटर से राजनीति में आए इमरान खान की पूर्व पत्नी रेहम खान की किताब आज-कल पाकिस्तान में चर्चा का विषय बनी हुई है. जुलाई में होने वाले आम चुनावों से ठीक पहले आ रही इस किताब ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है. इससे अगर सबसे ज्यादा किसी पर प्रभाव पड़ेगा तो वह रेहम के पूर्व पति और प्रधानमंत्री पद के दावेदार इमरान खान के राजनीतिक जीवन पर.
किताब में इमरान को कहा राजनीतिक अवसरवादी
इस किताब के संदर्भ में सीएनएन न्यूज़18 से बात करते हुए रेहम ने कहा कि यह किताब पाकिस्तान के मतदाताओं को उनके बारे में वह सब कुछ बताएगी, जिन्हें वह वोट देने वाले हैं. इमरान खान को मिस्टर यू-टर्न बताते हुए रेहम कहती हैं कि इमरान एक राजनीतिक अवसरवादी हैं और हर किसी को जो उनका समर्थक है, उनसे सावधान रहना चाहिए.
हालांकि आलोचकों का कहना है कि रेहम यह सब सिर्फ इमरान खान को बदनाम करने के उद्देश्य से कर रही हैं. लेकिन रेहम उन तमाम आरोपों का खंडन करते हुए कहती हैं कि उनकी किताब, उनकी आत्मकथा में उनके व्यक्तिगत संबंधों, एक बेटी और एक पत्रकार के रूप में उन्होंने जो देखा है वही है. बता दें कि रेहम की इमरान से शादी सिर्फ 10 महीने ही चली थी.
किताब में बताया किस तरह होता है राजनीति में यौन पक्षों का उपयोग
इसके साथ रेहम ने किताब में बताया है कि किस प्रकार पाकिस्तान में शक्तिशाली पदों को देने के लिए यौन पक्षों का उपयोग किया जाता है. रेहम बताती हैं कि गैंगरेप के आरोपियों को भी राजनीतिक दलों में बड़ी आसानी से शामिल कर लिया जाता है. उन्होंने कहा 'मेरा इमरान को समर्थन देने का कारण भी यही था कि वह ऐसी मानसिकता का विरोध करते थे, लेकिन बाद में मैंने देखा कि इमरान भी ऐसी हरकतें करने वालों जैसे ही थे. बल्कि उन से भी बुरे थे.'
कहा इमरान की पार्टी से बेहतर हैं बाकी पार्टियां
रेहम ने आरोप लगाते हुए कहा कि वास्तव में पीएमएलएन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी इमरान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की तुलना में काफी साफ और बेहतर हैं. इसी के साथ उन्होंने कहा कि देश को ऐसे शख्स के हाथों सौंपना एक गंभीर जोखिम भरा कदम होगा क्योंकि वह एक अतिवादी हैं. और चुनाव जीत कर इस देश को उग्रवादियों के हाथों सौंप देंगे. बता दें कि पाकिस्तान में 25 जुलाई से आम सभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव होने वाले हैं.
असम में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रैली में कहा था कि सीआरपीएफ जवानों का त्याग बेकार नहीं जाएगा क्योंकि केंद्र में कांग्रेस की सरकार नहीं बल्कि बीजेपी की सरकार है.
मनमोहन सिंह ने कहा कि किसानों के जरिए आत्महत्या करने और किसान आंदोलन के कारण अर्थव्यवस्था असंतुलन के बारे में पता चलता है.
शहीद के परिवार से मुलाकात करने के बाद योगी आदित्यनाथ ने हर संभव मदद का भरोसा दिलाया
आदिल के पिता गुलाम ने कहा, 'हम CRPF के जवानों की मौत की खुशी नहीं मना रहे. हम परिवारों का दर्द समझते हैं, क्योंकि यहां हम सालों से हिंसा का सामना कर रहे हैं
प्रदर्शन करने वाले लोगों के हाथ में तिरंगा भी नजर आ रहा है और उनके चेहरे पर पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है