पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया कि भारत में सत्ताधारी बीजेपी का रुख मुस्लिम विरोधी और पाकिस्तान विरोधी है. उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले साल भारत में होने वाले आम चुनावों के बाद रुकी द्विपक्षीय वार्ता फिर से शुरू हो सकती है. खान ने कहा कि उनकी सरकार 2008 के मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं को इंसाफ के कठघरे में लाना चाहती है और यह पाकिस्तान के हित में है.
उन्होंने वाशिंगटन पोस्ट के साथ एक इंटरव्यू में कहा, 'भारत में चुनाव आने वाले हैं. सत्ताधारी दल का रुख मुस्लिम विरोधी और पाकिस्तान विरोधी है. उन्होंने मेरी सभी पहल को खारिज कर दिया. उम्मीद करें कि चुनावों के खत्म होने के बाद हम फिर से भारत के साथ वार्ता शुरू कर पाएंगे.' भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत से तब तक स्पष्ट तौर पर इनकार किया था जब तक वह भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकी गतिविधियों को बंद नहीं करता. भारत में अप्रैल या मई 2019 में आम चुनाव होने हैं. मुंबई आतंकी हमले का जिक्र करते हुए खान ने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि 'मुंबई के हमलावरों के बारे में कुछ किया जाए.' उन्होंने कहा, 'मैंने अपनी सरकार से मामले की स्थिति के बारे में पता करने को कहा है. उन्होंने कहा कि यह मामला हमारे हित में है क्योंकि यह आतंकवादी कृत्य था.'
दरअसल, लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी 26 नवंबर 2008 को समुद्र के रास्ते भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में घुसे और अंधाधुंध गोलीबारी कर 166 लोगों की जान ले ली. सुरक्षा बलों ने नौ आतंकवादियों को मार गिराया था जबकि जिंदा पकड़े गए एक मात्र आतंकवादी अजमल कसाब को भारतीय अदालत से मौत की सजा मिलने के बाद फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था.
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पार्टी ने यह भी कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कभी राजनीति नहीं कर सकती और अपने जवानों और सरकार के साथ खड़ी है
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