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ओबामा की चेतावनी के बाद ज़करबर्ग दे रहे हैं फेक न्यूज रोकने की टिप्स

फेसबुक पर चल रही फर्जी खबरों को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आपत्ति कराई दर्ज

Updated On: Sep 25, 2017 05:21 PM IST

FP Staff

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ओबामा की चेतावनी के बाद ज़करबर्ग दे रहे हैं फेक न्यूज रोकने की टिप्स

फेसबुक पर चल रही फर्जी खबरों को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आपत्ति दर्ज कराई है. फर्जी खबरों को लेकर ओबामा ने फेसबुक के चीफ एक्जिक्यूटिव मार्क ज़करबर्ग को व्यक्तिगत रूप से चेतावनी दी है. बता दें कि फेसबुक पर ये आरोप लग रहे हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के पीछे फेक न्यूज आर्टिकल्स का बड़ा योगदान है.

ओबामा ने क्या कहा?

ओबामा ने फेसबुक पर चल रही गलत और भ्रामक खबरों के बार में कहा, 'अगर हम तथ्यों और क्या सही है और क्या गलत को लेकर गंभीर नहीं हैं. अगर हम गंभीर और प्रोपगैंडा बहसों को अलग नहीं कर सकते, तो ये एक बड़ी समस्या है'.

एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, इससे पहले बीते साल 19 नवंबर को ओबामा पेरु में ज़करबर्ग से मुलाकात कर चुके हैं. तब दोनों के बीच सोशल मीडिया पर चल रही फर्जी खबरों को लेकर चर्चा हुई थी. तब ज़करबर्ग ने कहा था कि सोशल मीडिया पर ऐसी फर्जी खबरों को आने से रोकना आसान नहीं है.

ज़करबर्ग ने क्या कहा?

ज़करबर्ग ने कहा था कि फेसबुक पर फेक न्यूज आर्टिकल्स एक समस्या तो है, लेकिन ये इतने बड़े स्तर पर फैले नहीं थे, इसलिए उन्हें ढूंढना मुश्किल था.यूएस गवर्नमेंट की तरह फेसबुक सोशल मीडिया पर चल रही फर्जी खबरों और उसपर राजनीतिक दबाव का पूर्वानुमान नहीं लगा सकता. ऐसे में फेसबुक के लिए इस समस्या से निपटना मुश्किल होगा.

कुछ आलोचकों का ये भी कहना है कि फर्जी खबरों को रोकने को लेकर फेसबुक संजीदा नहीं है. हालांकि, राजनीतिक दबाव के चलते फेसबुक इससे निपटने की कोशिश का दिखावा कर रहा है.

फेसबुक ने जारी किए 10 टिप्स

-URL को ध्यान से देंखे.

-URL को अच्छी तरह से जांच ले.

- फॉन्टस को अच्छी तरह से देख ले.

- इमेज़ के सोर्स को एक बार चेक कर ले.

-  न्यूज को  क्रास चेक जरुर करें.

- लेखक के सोर्स की अच्छी तरह से जांच कर ले.

- ये जरुर चेक कर ले  कि खबर, खबर है या जोक.

- विश्वसनीय खबरों को साझा करें.

- खबरों की तारीख को एक बार जरुर चेक कर ले.

-खबरों की हेडलाइन्स पर जरुर रखें ध्यान.

आपको बता दें कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा और उनके समर्थक इस बात से अंजान थे कि इस साल अमेरिकी चुनाव में रूस के हस्तक्षेप से डोनाल्ड ट्रंप के कैंपन को काफी फायदा पहुंचेगा. राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की अप्रत्याशित जीत के बाद ओबामा समर्थकों को निराशा हाथ लगी थी.

एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक,दूसरों के और अपने चुनावों में हस्तक्षेप करने का 'रूसियों का लंबा इतिहास रहा है,  इसके पहले किसी चुनाव प्रक्रिया को इतने सीधे प्रभावित करने वाला अभियान नहीं देखा गया था, जैसा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में देखने को मिला था. इन सबमें सोशल मीडिया पर चल रही फर्जी खबरों का काफी हाथ था'.

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