पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के एक मामले में सात साल की जेल की सजा सुनाई गई है. सोमवार को 68 साल के शरीफ को फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट और अल अजीजिया मामले में सजा सुनाई गई है. इस मामले में पिछले सप्ताह ही फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. यह दोनों ही मामले नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो ने दर्ज किए थे.
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक नवाज पर अल अजीजा मामले में 2.5 मिलियन डॉलर (लगभग 17 करोड़ रुपए) का जुर्माना भी लगाया गया है. साथ ही अदालत ने उनकी संपत्ति जब्त कर लेने का भी फैसला सुनाया. फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट मामले में सबूतों के आभाव में उन्हें सजा नहीं हो सकी.
सजा सुनाए जाते समय शरीफ भी कोर्ट रूम में ही मौजूद थे. उनके अदालत पहुंचते ही फैसला सुनाया गया था. हालांकि उनकी पार्टी पीएमएलएन के कई कार्यकर्ता उनके पक्ष में नारेबाजी कर रहे थे. इस्लामाबाद में अदालत के बाहर पीएमएलएन के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हल्कि झड़प भी हुई. एहतियातन तौर पर इस्लामाबाद और रावलपिंडी में धारा 144 लगा दी गई.
Pakistan Media: Former Pakistan PM Nawaz Sharif sentenced to 7 years in jail in NAB reference case, acquitted in flagship reference case. pic.twitter.com/3vWsjwEpfr
— ANI (@ANI) December 24, 2018
मालूम हो कि नवाज शरीफ पहले से ही भ्रष्टाचार के मामले में सजा काट रहे हैं. अल अजीजिया मामले में सजा के ऐलान वाले दिन के एक दिन पहले ही वह इस्लामाबाद पहुंच गए थे. पिछले सप्ताह नवाज के वकील ने कोर्ट से अपील की थी कि वह फैसले की तारीख को एक सप्ताह आगे बढ़ा दें. लेकिन पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया.
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