अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर वापस भेजना अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टॉप स्पेस प्राथमिकताओं में से है. लेकिन उनके राष्ट्रपति का कार्यालय छोड़ने तक ऐसा नहीं होने वाला, भले ही वह दोबारा से चुनाव क्यों न जीत जाएं. ट्रंप प्रशासन स्पेस एजेंसी नासा को बगैर कोई अतिरिक्त रकम जारी किए बिना ऐसा करना चाहता है.
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार ट्रंप प्रशासन की योजना 2025 तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) के लिए अमेरिकी भुगतान खत्म करने की है. यह स्पेस स्टेशन 2024 से काम करना शुरू कर देगा. लेकिन उम्मीद जताई जा रही थी कि अमेरिकी सरकार इसकी फंडिंग कम से कम 2028 तक जारी रखेगी.
ट्रंप प्रशासन पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थित आईएसएस का निजीकरण करना चाहती है. अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार आईसएस को लेकर बढ़ते खर्च के कारण ट्रंप प्रशासन अगले कुछ वर्षों में इसका संचालन निजी कंपनी को सौंपने का इच्छुक है. इस स्टेशन की लॉन्चिंग से लेकर अब तक अमेरिका तकरीबन 100 अरब डॉलर खर्च कर चुका है.
वॉशिंगटन पोस्ट में नासा के दस्तावेजों के हवाले से कहा गया है, 'अगले कुछ वर्षों में नासा आईएसएस की अंतरराष्ट्रीय और व्यावसायिक साझेदारी बढ़ाएगा'. 2019 में आईएसएस पर 15 करोड़ डॉलर (करीब 964 करोड़ रुपए) खर्च होने का अनुमान है.
अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय अभियानों के लिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने रूस की एजेंसी रॉसकॉसमॉस के साथ मिलकर 1998 में आईएसएस की स्थापना की थी. कनाडा और जापान के साथ यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने भी इसमें मदद की थी. अमेरिका की 2025 तक इसके निजीकरण की योजना है.
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