अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आखिरकार वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का हिस्सा बनने जा रहे हैं. अबतक बिजनेस टाइकून रहे डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बनने के बाद दुनिया के सबसे बड़े इकोनॉमिक फोरम का हिस्सा बनेंगे. ट्रंप की इस शिरकत से ऐसा 18 सालों में पहली बार होगा जब अमेरिका का कोई राष्ट्रपति दुनिया भर के आर्थिक नेताओं की सालाना बैठक में हिस्सा लेगा.
मोदी-ट्रंप मीट अगेन!
इस महीने दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का आयोजन हो रहा है और इस समारोह का एक और आकर्षण होगा- नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप का आमना-सामना. इस फोरम भारतीय प्रधानमंत्री भी हिस्सा लेंगे और इससे मोदी-ट्रंप की बैठक की संभावना को बल मिल रहा है.
मोदी और ट्रंप पिछले साल दो बार मिल चुके हैं. दोनों की पहली मुलाकात वॉशिंगटन डीसी में और दूसरी मुलाकात आसियान बैठक के दौरान हुई थी. इस मुलाकात में दोनों देश के नेता आपसी आर्थिक संबंधों को मजबूती देने पर चर्चा कर सकते हैं.
डोनाल्ड ट्रंप के इस विजिट पर सबकी नजरें रहेंगी. अमेरिका फर्स्ट की नीति लेकर रहे चल रहे ट्रंप दुनिया भर के व्यापार प्रतिनिधियों से मिलेंगे तो उनका क्या रुख होगा, ये देखने वाली बात होगी.
फोरम में अमेरिका फ़र्स्ट का एजेंडा
इस मामले में वाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी सारा सैंडर्स ने अपने डेली प्रेस मीट कहा, ‘राष्ट्रपति वैश्विक नेताओं के साथ अपने ‘अमेरिका फ़र्स्ट’ के एजेंडे को आगे बढ़ाने के अवसरों का स्वागत करते हैं. ट्रंप ‘अमेरिकी कारोबार, अमेरिकी उद्योगों और अमेरिकी कर्मियों’ को मजबूत करने की अपनी नीतियों को प्रोत्साहित करना चाहते हैं. वो इस पर प्रतिबद्ध हैं.’ सारा ने कहा कि द्विपक्षीय बैठकों सहित दावोस में राष्ट्रपति की यात्रा का कार्यक्रम तय किया जा रहा है.
सारा ने साफ कर दिया कि इस फोरम में भी ट्रंप वही एजेंडा लेकर जाएंगे, जिस पर वो अबतक बात करते रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति का जो संदेश यहां है, वह वही संदेश वहां लेकर जाएंगे. यही संदेश वह एशिया के अपने दौरे में लेकर गए थे. उनका एजेंडा ‘अमेरिका फ़र्स्ट’ है.’ उन्होंने कहा की कैबिनेट और प्रशासन के कई वरिष्ठ सदस्य इस समारोह का हिस्सा होंगे.
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना बैठक 2018 स्विट्जरलैंड के दावोस-क्लोस्टर्स में इस महीने बाद में आयोजित होगी. इस बार फोरम का विषय ‘क्रिएटिंग ए शेयर्ड फ्यूचर इन ए फ्रैक्चर्ड वर्ल्ड’ यानी ‘विभाजित दुनिया में साझा भविष्य का सृजन’ होगा.
20 साल बाद भारतीय प्रधानमंत्री की शिरकत
पीएम मोदी दो दिवसीय यात्रा पर 22 जनवरी को स्विट्जरलैंड जाएंगे, जहां वह फोरम के पूर्ण सत्र में अहम भाषण देंगे. वर्ष 1997 के बाद ऐसा पहली बार होगा जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री दावोस शिखर सम्मेलन में भाग ले रहा है.
आखिरी बार 1997 के दावोस सम्मेलन में तत्कालीन पीएम एचडी. देवेगौड़ा शामिल हुए थे. उनके बाद किसी भारतीय पीएम ने इस सम्मेलन में शिरकत नहीं की. 20 साल बाद मोदी ऐसे पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे, जो इस सम्मेलन में शामिल होंगे.
22-27 जनवरी तक चलेगा सम्मेलन, 3000 लोग बनेंगे हिस्सा
डब्ल्यूईएफ सम्मेलन में करीब 3000 लोग हिस्सा लेंगे. ये सम्मेलन 22 से 27 जनवरी तक चलेगी. इस बार सम्मेलन का विषय रखा गया है. इस बार दावोस सम्मेलन की चेयरमैनशिप सात महिलाओं को सौंपी गई है. इनमें भारत की एंटरप्रेन्योर और एक्टिविस्ट चेतना सिन्हा भी शामिल हैं. इस सम्मेलन में दुनिया की टॉप कंपनियों के सीईओ भी शामिल हो रहे हैं. वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ के तमाम अफसर भी इस सम्मेलन में मौजूद रहेंगे.
भारत से ये शख्सियतें होंगी शामिल
इस बार दावोस में कई भारतीय चेहरे देखने को मिल सकते हैं. इसमें रिलायंस ग्रुप के मालिक मुकेश अंबानी, चंदा कोचर, उदय कोटक समेत कई कंपनियों के सीईओ का नाम शामिल है. सम्मेलन में वित्त मंत्री अरुण जेटली, वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु, रेल मंत्री पीयूष गोयल, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के शामिल होने की संभावना है. वहीं, बॉलीवुड से शाहरुख खान और डायरेक्टर करण जौहर इसमें हिस्सा ले सकते हैं.
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड की चीफ क्रिस्टीन लाग्रेडे के भी इसमें आने की संभावना है. दुनिया के करीब 40 देशों के राष्ट्राध्यक्ष इस सम्मेलन में हिस्सा ले सकते हैं.
(एजेंसी से इनपुट)
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