इंटरनेट ने जीवन को जितना आसान किया है, उतना ही नई चुनौतियों को जन्म भी दिया है. देखा जाए तो लोगों ने दुनिया को भी इंटरनेट प ही घूमना शुरू कर दिया है. सच तो ये है कि लोगों ने असल दुनिया से ज्यादा दोस्त तो इंटरनेट पर बना रखे हैं. यहां तक कि अब तो डॉक्टर का रोल भी इंटरनेट ही अदा कर रहा है और यहीं से बात शुरू होती है cyberchondria की.
Cyberchondria है क्या ?
मान लीजिये की आप कहीं घूमने गए और वहां आपने थोड़ा ज्यादा खा लिया. कुछ समय बाद आपको गैस के कारण सीने में दर्द उठा. लेकिन आप उस खाने को नरअंदाज कर चुके हैं. अब आप सहारा लेते हैं इंटरनेट का और इंटरनेट पे आपको तमाम बीमारियों के बारे में पता चला. उन बीमारियों को देख कर आपको लगेगा कि इन्ही में कोई बिमारी आपको हो सकती है. पर असल में आपको कुछ भी नहीं है. लेकिन अभी तक आपको किसी बिमारी की चिंता ने परेशान कर दिया होगा. आपकी इसी स्तिथि का नाम है cyberchondria.
5 लक्षण जो बताएंगे कि आप cyberchondria का शिकार हो सकते हैं.
- परेशान होकर बीमारियों के बारे में घंटो सर्च करना. - अलग-अलग बीमारियों के होने का डर होना. - ज्यादा परेशान होने पर दिन में 4-5 बार अलग-अलग वेबसाइट पे बीमारियां ढूंढ़ना - अगर कोई बीमारी पहले से है तो उसके बारे में और ढूंढकर परेशान होना - बीमारी के बारे में परेशान होने के बावजूद मेडिकल तौर पर ठीक होना
इससे बचने के लिए क्या करें?
इस बीमारी से बचने का उपाय बेहद सामान्य है. अगर आपको कुछ भी अपने शरीर के बारे अलग महसूस होता है तो आप किसी डॉक्टर से सलाह लें. नहीं तो एक ऐसी बीमारी जो आपको है भी नहीं, वह आपको काफी ज्यादा परेशान कर सकती है.
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