प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की. मोदी ने कहा कि वुहान में उनके बीच अनौपचारिक वार्ता के बाद हुई यह मुलाकात भारत - चीन मित्रता को और मजबूती देगी.
मोदी - शी वार्ता के बाद, चीन द्वारा भारत को ब्रह्मपुत्र नदी के जल आवागमन , वितरण और गुणवत्ता संबंधी सूचनाएं साझा करने तथा भारत से चीन को चावल निर्यात संबंधी सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए.
चीन ब्रह्मपुत्र नदी के प्रवाह की जानकारी भारत को देगा, गैर-बासमती चावल भी मंगाएगा
भारत और चीन ने जिन दो महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं इनमें से एक बाढ के मौसम में ब्रह्मपुत्र नदी में जल-प्रवाह के स्तर से जुड़़ी सूचनाओं के आदान-प्रदान का करार है.
दूसरा समझौता भारत से गैर - बासमती चावल खरीद पर सहमति का है. चीन के भारत से गैर-बासमती चावल का आयात करने से व्यापार को संतुलित करने में कुछ सीमा तक मदद मिल सकती है. अभी दोनों देशो के बीच व्यापार में चीन का निर्यात बहुत अधिक है.
भारत के जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनर्जीवन मंत्रालय और चीन के जल संसाधन मंत्रालय के बीच हुए समझौते के तहत चीन हर साल बाढ़ के मौसम यानी 15 मई से 15 अक्टूबर के बीच ब्रह्मपुत्र नदी में जल-प्रवाह से जुड़ी सूचनाएं भारत को देगा.
शी ने 2019 में भारत में अनौपचारिक वार्ता के मोदी के न्योते को स्वीकारा
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अगले वर्ष भारत में वुहान जैसी अनौपचारिक वार्ता के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. विदेश सचिव विजय गोखले ने इस बात की जानकारी दी.
One of the important outcomes of today's meeting was the Chinese side conveyed that they accepted PM's invitation to President Xi Jinping to have a similar informal summit in India in 2019: Vijay Gokhale, Foreign Secretary pic.twitter.com/CdwKCMeMZi
— ANI (@ANI) June 9, 2018
गोखले ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों नेताओं के बीच की बैठक का एक महत्वपूर्ण परिणाम यह रहा कि चीनी पक्ष ने बताया कि उन्होंने 2019 में भारत में एक अन्य अनौपचारिक वार्ता के लिए राष्ट्रपति शी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्योते को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कहा कि अनौपचारिक बैठक की तारीख फिलहाल तय नहीं है.
हमारी बातचीत भारत - चीन मित्रता में नई शक्ति प्रदान करेगी
वुहान शिखर वार्ता के करीब छह सप्ताह बाद हुई इस बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के खाके पर चर्चा की और वुहान में उनके द्वारा किए गए फैसलों के क्रियान्वयन की समीक्षा की.
यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर हुई और इसमें द्विपक्षीय संबंधों के प्रमुख पहलुओं पर चर्चा हुई जो दोनों देशों द्वारा डोकलाम गतिरोध और कई अन्य मसलों से प्रभावित उनके संबंधों में विश्वास बहाल करने के संकल्प को प्रदर्शित करता है.
Met this year’s SCO host, President Xi Jinping this evening. We had detailed discussions on bilateral and global issues. Our talks will add further vigour to the India-China friendship. pic.twitter.com/PNVi6fQ3SD
— Narendra Modi (@narendramodi) June 9, 2018
बैठक के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘इस साल के एससीओ के मेजबान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से शनिवार शाम मुलाकात हुई. हमने द्विपक्षीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की. हमारी बातचीत भारत - चीन मित्रता में नई शक्ति प्रदान करेगी.
भारत ने बैठक को बताया गर्मजोशी भरा
चीन के राष्ट्रपति शी ने उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच वुहान में सफल औपचारिक बैठक एवं इसमें महत्वपूर्ण आमसहमति पर पहुंचने को याद किया. उन्होंने कहा कि दोनों देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस बैठक को बहुत महत्व दिया है और भारत - चीन संबंधों के विकास पर करीबी रूप से ध्यान देने के लिए सकारात्मक माहौल बन रहा है.
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने शी के हवाले से कहा कि चीन आपसी राजनीतिक विश्वास निरंतर बढाने तथा सभी मुद्दों पर आपसी लाभकारी सहयोग करने हेतु वुहान बैठक को नए शुरुआती बिन्दु के तौर पर लेने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को इच्छुक है ताकि चीन - भारत संबंधों को बेहतर एवं गतिशील तरीके से आगे बढाया जा सके.
Further strengthening the positive momentum in the bilateral relationship generated at the #Wuhan Informal Summit, PM @narendramodi had a warm and forward looking meeting with Chinese President #XiJinping on the sidelines of the SCO Summit. #IndiainSCO #SCOSummit pic.twitter.com/8fOGULpnLS
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) June 9, 2018
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस बैठक को ‘गर्मजोशी भरा’ बताया जबकि भारत में चीन के राजदूत लियो झाओहुई ने कहा कि दोनों नेताओं का मुख्य ध्यान वुहान में बनी आमसहमति को लागू करने तथा भारत - चीन के भविष्य के संबंधों के लिए खाका खींचने पर होगा.
कुमार ने ट्वीट किया, ‘वुहान अनौपचारिक वार्ता से द्विपक्षीय संबंधों में आ रही गर्माहट को और बढाने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ सम्मेलन से इतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ गर्मजोशी से बैठक की.’
दोनों नेताओं के बीच यह 14वीं बैठक थी
दोनों नेताओं की यह बैठक चीन के वुहान शहर में अनौपचारिक बातचीत के करीब छह सप्ताह बाद हुई. इस अनौपचारिक बातचीत का उद्देश्य पिछले साल डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करना और विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत करना था.
वुहान में बातचीत के बाद, मोदी और शी ने भविष्य में डोकलाम जैसी स्थिति से बचने के प्रयासों के तहत, भरोसा और विश्वास पैदा करने के लिए संवाद मजबूत करने के वास्ते अपनी सेनाओं को ‘रणनीतिक दिशानिर्देश’ जारी करने का फैसला किया था. दोनों नेताओं ने आर्थिक संबंधों और लोगों के बीच आपसी संपर्क बढाने के तरीकों पर चर्चा की थी. लियो ने कहा कि बीते चार साल में इन दोनों नेताओं के बीच यह 14 वीं बैठक है. मोदी एससीओ के सालाना सम्मेलन में शामिल होने के लिए दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को यहां पहुंचे.
सिंगापुर में पीएम मोदी की टिप्पणियों की चीन ने की थी सराहना
पिछले साल डोकलाम मसले तथा पाक के आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित कराने के भारत के प्रयासों को चीन द्वारा रोकने सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर दोनों पड़ोसी देशों के संबंधों में गतिरोध पैदा हो गया था.
भारत ने चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल का भी विरोध किया था क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरती है.
मोदी ने पिछले सप्ताह कहा था कि अगर भारत और चीन एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील रहते हुए विश्वास और भरोसे के साथ मिलकर काम करता है तो एशिया और विश्व का बेहतर भविष्य होगा. सिंगापुर में ‘शांग्री - वार्ता’ में प्रधानमंत्री की टिप्पणियों की चीन ने सराहना की थी. यह पहला मौका है जब भारत और पाकिस्तान को इस संगठन का पूर्ण सदस्य बनाए जाने के बाद भारत के प्रधानमंत्री एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं.
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