कनाडा के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी (सांकेतिक मुद्रा) एक्सचेंज में से एक के संस्थापक की भारत में अप्रत्याशित मौत के बाद इस एक्चेंज को दिवालिया कानून के तहत संरक्षण दिया गया है. संस्थापक की अचानक मौत होने के बाद हजारों उपभोक्ताओं का करीब 14.50 करोड़ डॉलर फंस गया है. एक्सचेंज के खातों का पासवर्ड सिर्फ संस्थापक को ही मालूम था.
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्वैड्रिगा ने कहा कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं सह-संस्थापक गेराल्ड कोटेन की दिसंबर में मौत हो जाने के कारण वह 14.50 करोड़ डॉलर के बिटकॉइन एवं अन्य डिजिटल संपत्तियों की खरीद बिक्री करने में असमर्थ हो गए हैं. कोटेन भारत में एक अनाथालय के लिये स्वयंसेवक के तौर पर काम कर रहे थे. इसी दौरान क्रॉन बीमारी के कारण अचानक उनकी मौत हो गई.
कंपनी ने कहा कि क्वैड्रिगा के पास रखी गयी अधिकांश मुद्राएं कोल्ड वैलेट खातों में ऑफलाइन रखे गए थे. यह हैकरों से बचाव के लिये किया गया था. इन खातों का एक्सेस सिर्फ कोटेन के पास था. सीएनएन की खबर के अनुसार, कोटेन की अचानक मौत से एक्सचेंज के समक्ष एक लाख से अधिक उपभोक्ताओं को पैसे लौटाने का संकट उपस्थित हो गया.
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