ब्रिक्स देशों के सम्मेलन के पहले दिन ही पाकिस्तान को भारी झटका लगा है. ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद से निपटने के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे आतंकवादी संगठनों द्वारा की गई हिंसा पर चिंता जताई. इन संगठनों ने भारत पर हमले किए हैं. ये संगठन पाकिस्तान की शह पर काम करते हैं.
ब्रिक्स देशों की यह घोषणा इस लिहाज से भी खास है क्योंकि चीन अब तक पाक समर्थित इन आतंकी संगठनों को आतंकी संगठन मानने से इनकार करते रहा है. वह ऐसा पाक से अपनी नजदीकी की वजह से करता रहा है.
ब्रिक्स देशों के नौंवे सम्मेलन के दौरान इस घोषणापत्र को पेश किया गया. इसमें ब्रिक्स देशों में हुए हमलों सहित दुनियाभर में हुए आतंकवादी हमलों की निंदा की गई है.
घोषणापत्र में कहा गया, ‘आतंकवाद की सभी रूपों में निंदा की जाती है. आतंकवाद के किसी भी कृत्य का कोई औचित्य नहीं है.’
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
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