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बांग्लादेश में रविवार को होंगे आम चुनाव, देश भर में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था

30 दिसंबर को होने वाले ग्यारहवीं नेशनल असेंबली के चुनाव कई मायनों में अलग हैं. इस चुनाव पर भारत और चीन समेत दुनिया के कई देशों की नजरें टिकी हैं

Updated On: Dec 29, 2018 04:27 PM IST

FP Staff

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बांग्लादेश में रविवार को होंगे आम चुनाव, देश भर में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था

बांग्लादेश में नई सरकार चुनने के लिए रविवार को आम चुनाव होंगे. शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. पूरे देश में चुनाव के मद्देनजर करीब 60 हजार सैनिकों, अर्धसैनिक बलों और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.

बांग्लादेश में 30 दिसंबर को होने वाले ग्यारहवीं जातीय संसद (नेशनल असेंबली) के चुनाव कई मायनों में अलग हैं. इस चुनाव पर भारत और चीन समेत दुनिया के कई देशों की नजरें टिकी हैं.

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) नूर-उल-हुदा ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को रविवार को होने वाले मतदान के दौरान धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति अतिरिक्त सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है. क्योंकि मीडिया से खबर मिली है कि 16 से 26 दिसंबर के बीच कुछ असमाजिक तत्वों ने कम से कम 3 हिंदू घरों में आग लगा दी थी.

हाल ही में सत्तारूढ़ अवामी लीग और विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के समर्थकों के बीच हुई झड़प में 13 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि हजारों लोग घायल हुए हैं.

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बांग्लादेश में हो रहे 11वें नेशनल असेंबली के चुनाव कई मायनों में अलग हैं. इस चुनाव पर भारत और चीन समेत दुनिया के कई देशों की नजरें टिकी हैं

इस बीच विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें कमजोर करने के लिए उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है.

रैपिड ऐक्शन बटालियन ने सोशल मीडिया पर संसदीय चुनाव से संबंधित भड़काऊ वीडियो डालने और अफवाहें उड़ाने के लिए शुक्रवार रात 8 लोगों को गिरफ्तार किया.

अधिकारियों ने कहा कि गिरफ्तार लोगों के वीडियो बनाने की सामग्री, लैपटॉप और मोबाइल फोन को जब्त कर लिए गए हैं.

अल्पसंख्यकों पर हमलों या धमकी को बर्दाश्त नहीं करने का वादा किया 

बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद की प्रवक्ता काजोल देबनाथ ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं ने चुनाव आयोग और कानून लागू कराने वाली एजेंसियों के साथ कई बैठकें की हैं, जिन्होंने हमलों या धमकी को बर्दाश्त नहीं करने का वादा किया है.

बता दें कि 2014 के चुनाव में मुख्य विपक्षी दल ‘बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी’ (बीएनपी) और ‘बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी’ समेत कई पार्टियां प्रशासनिक पक्षपात का अंदेशा जाहिर करते हुए चुनावी प्रक्रियाओं में शामिल नहीं हुईं. इस तरह बगैर किसी खास चुनौती के शेख हसीना की अगुवाई में अवामी लीग 234 सीटों के साथ दोबारा हुकूमत में आई थी.

इस बार बीएनपी नेशनल असेंबली के चुनाव में हिस्सा तो ले रही है. लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया की गैर-मौजूदगी का विपरीत असर पार्टी के चुनावी अभियान पर पड़ा है. बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष व बेगम खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान को एक आपराधिक मामले में अदालत ने 10 वर्षों की सजा सुनाई है. अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए वो इन दिनों लंदन में हैं.

(भाषा से इनपुट)

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